छह दोस्तों ने मिलकर बदली सरकारी स्कूल की सूरत
अलवर. अगर मन में कोई संकल्प लिया जाए तो कार्यसिद्धि संभव है। इसी संकल्प को दोस्तों का साथ मिल जाए तो फिर काम और आसान और खूबखूरत हो जाता है। ऐसा ही जज्बा दिखाया है अलवर के उन मित्रों की जोडी ने जो सिविल सेवा की तैयारी में साथ रहे। अलवर से करीब 12 किलोमीटर दूर राजकीय प्राथमिक विद्यालय दलालपुर मित्रों के संकल्प की जीती-जागती मिसाल बन चुका है। मित्र मंडली ने केवल स्कूल का आर्थिक सहयोग ही नहीं किया, बल्कि अपना समय स्कूल को भी दिया। कार्य की सभी ने ही बारी-बारी से मॉनिटरिंग की।
इसका परिणाम सामने आया कि राजकीय प्राथमिक विद्यालय दलालपुर अब निजी स्कूल से कम नजर नहीं आता। यहां बच्चों और स्टाफ के लिए वे सब सुविधाएं उपलब्ध हैं जो किसी निजी स्कूल में होती हैं। स्कूल की तस्वीर बदल गई है। इसमें आरएएस अधिकारी अलवर डीएसओ जितेन्द्र सिंह नरुका, आरएएस अधिकारी हरिओम मीणा, आरएएस दिनेश शर्मा, एनआरआई स्वतंत्र विजय, एनआरआई राजा वैराष्ठक, संघर्ष, एनआरआई भूपेन्द्र सिंह चौहान की महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।
पक्की छत और फर्श के साथ लगाए झूले
स्कूल में दो चरणों में मित्र मंडली ने नव निर्माण और रेनोवेशन करवाया है। स्कूल में जहां पहले कमरों पर छत के रूप में टीनशेड था उसे हटवाकर सभी कक्षों पर पक्की छत करवाई। कच्चे चौक और टूटे फूटे सीमेंटेड फर्श पर टाइलें लगाईं। कमरों की दीवारें और छत का रंग-रोगन किया गया है। जिससे दीवार आकर्षित लगे। पक्का वाटर टैंक बनवाया। वाटर फिल्टर भी लगवाया गया।
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