सरकार अब घोषणा कर थपथपा रही खुद की पीठ
सीकर. चुनावी साल में बेरोजगारों को खुश करने के लिए सरकार की ओर से पुरानी भर्तियों के परिणाम जारी करने के साथ एक लाख पदों पर जल्द भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का भी दावा कर मास्टर स्ट्रोक लगा रही है।सरकार ने पिछले दिनों शिक्षक पात्रता परीक्षा रीट हर साल कराने का ऐलान कर बेरोजगारों को सांधने की फिर नई कोशिश की है। पत्रिका ने इस मामले की पड़ता की तो सामने आया कि एनसीटीई के नियमों में पहले से साल में दो परीक्षाओं का प्रावधान है। सीटेट परीक्षा हर साल दो बार हो भी रही है। लेकिन राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से 13 साल में कभी भी हर साल परीक्षा नहीं कराई गई। दरअसल, देशभर में शिक्षक भर्ती के लिए योग्यताएं और मापदंड तय करने वाली संस्था एनसीईटी ने वर्ष 2010 में बीएड और बीएसटीसी धारकों के लिए शिक्षक भर्ती से पहले शिक्षक पात्रता परीक्षा की अनिवार्यता लागू की गई थी।
एनसीईटी ने शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए जारी की गई गाइड लाइन में स्पष्ट प्रावधान किया गया था कि साल में एक बार पात्रता परीक्षा आयोजित करवाई जाएगी। इसके बावजूद शिक्षक पात्रता परीक्षा की अनिवार्यता लागू होने के करीब 13 वर्ष बाद भी प्रदेश में हर साल शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित नही करवाई गई है। जबकि केंद्र की ओर से होने वाली केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटेट) साल आयोजित की जा रही है। राज्य में हर साल शिक्षक पात्रता परीक्षा नही करवाने से हर परीक्षा में अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ती जा रही है। अभ्यर्थियों की बढ़ती संख्या के कारण सरकार को भी परीक्षा करवाने में बड़ी मशक्कत करनी पड़ती है।
अब आजीवन पात्रता
नहीं रहेगा बेरोजगारों का मेला
सरकार ने वर्ष 2022 की रीट परीक्षा से रीट के प्रमाण पत्र की वैद्यता आजीवन कर दी। इसलिए इस परीक्षा में जिनको रीट की पात्रता मिल गई। अब वे आवेदन नहीं करेंगे। पहले पात्रता 3 साल होने के कारण युवाओं को बार बार आवेदन करना पड़ता था। अब आजीवन पात्रता होने से अभ्यर्थियों की संख्या कम रहेगी।
वर्ष--------लेवल प्रथम---- --लेवल द्वितीय-------- कुल
2011 -----571406 ----------508426 ---------1079832
2012----- 69505 -----------387666 ---------457171
2015--- 139234----------- 736538 ----------875772
2017 ---208877 ----------804122--------- 1012999
2021 ---1267983-------- 1267539--------- 2535522
2022 --4,01,006 --------12,94,186 --------15,66,992
पहले से प्रावधान, कभी नहीं हुई पालना
अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 लागू होने के बाद एनसीईटी ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के लिए अभ्यर्थियों को शिक्षक पात्रता परीक्षा की अनिवार्यता लागू की। इसको उत्तीर्ण करने के लिए 60 फीसदी न्यूनतम अंक लाना अनिवार्य है। हालांकि बाद में कई वर्गो को छूट भी दी गई। एनसीईटी ने हर वर्ष परीक्षा का आयोजन कराने के निर्देश दे रखे है लेकिन प्रदेश में हर वर्ष परीक्षा का आयोजन अब तक नही हो सका। हर साल पात्रता परीक्षा होने से दस लाख से अधिक बेरोजगारों को सीधे तौर पर राहत मिल सकेगी।-एडवोकेट संदीप कलवानियां, भर्ती मामलों के विशेषज्ञ
वर्ष 2011 से अब तक 6 बार ही पात्रता परीक्षा
प्रदेश में वर्ष 2011 में सबसे पहले शिक्षक पात्रता परीक्षा हुई थी। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से पिछले साल तक महज 6 बार आरटेट-रीट हुई है। जबकि सीटेट का आयोजन साल में दो बार हो रहा है। प्रदेश में शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन अब तक वर्ष 2011, 2012, 2015, 2017, 2021 और 2022 में किया गया है। इसमें वर्ष 2021 में हुई रीट में लेवल-2 की परीक्षा रद्द कर दी गई थी। इसके अलावा वर्ष 2013 में आरटेट का आयोजन आवेदन लेने के बावजूद परीक्षा आयोजित नहीं की गई थी।
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