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रविवार, 25 जून 2023

सरकारी स्कूलों में बनेगी 'सुरक्षित निकास योजना' स्टूडेंट्स को सिखाएंगे आपदा के समय सुरक्षित रहने का तरीका,शिक्षा निदेशालय ने शुरू की कवायद



 सरकारी स्कूलों में बनेगी 'सुरक्षित निकास योजना' स्टूडेंट्स को सिखाएंगे आपदा के समय सुरक्षित रहने का तरीका,शिक्षा निदेशालय ने शुरू की कवायद

अरब सागर से उठे चक्रवाती तूफान 'बिपरजॉय' के कारण किशनगढ़ समेत विभिन्न ब्लॉकों में हुई भारी बरसात से सबक लेते हुए मानसून के चार महीनों में बारिश के कारण सरकारी स्कूलों में पानी भरने की स्थिति के दौरान स्टूडेंट की सुरक्षित निकासी के लिए अब सभी सरकारी स्कूलों में 'सुरक्षित निकास योजना' बनाई जाएगी। यह योजना बनाने के साथ ही स्टूडेंट्स को अतिवृष्टि या प्राकृतिक आपदा के समय विद्यालय से 'सुरक्षित निकास' की गतिविधि का अभ्यास भी कराया जाएगा।


माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने इस कवायद के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं। निदेशालय की ओर से संभागीय संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी और पीईईओ तथा संस्थाप्रधानों को अतिवृष्टि या आपदा की स्थिति में विद्यालय भवन एवं विद्यार्थियों की सुरक्षा व्यवस्था एवं निर्बाध शिक्षण व्यवस्था के सम्बन्ध में गाइडलाइन जारी की गई है।


गाइडलाइन में कहा गया है कि मानसून के प्रवेश के साथ ही मौसम सम्बन्धी विभिन्न परिवर्तन अथवा असामान्य परिवर्तन देखने को मिल रहे है। मानसून काल में कभी कम वर्षा तो कभी असामान्य या अतिवृष्टि देखने को मिलती है। मानसून के प्रवेश एवं सरकारी स्कूलों में ग्रीष्मावकाश का समापन होने के साथ ही शिक्षण कार्य पुनः प्रारम्भ हो रहा हैं।


मौसम विभाग की आगामी दिनों में राज्य में अत्यधिक वर्षा की चेतावनी को देखते हुए सभी संस्था प्रधानों को स्कूल भवन व विद्यार्थियों की सुरक्षा व्यवस्था एवं निर्बाध शिक्षण व्यवस्था के लिए जरुरी इंतजाम करने को कहा गया है। गाइडलाइन में कहा गया है कि आगामी तीन दिन में स्कूल परिसर में अनावश्यक रूप से पड़ा मलबा हटाना, छत एवं नालों की सफाई करवाना, जल भराव के स्थानों पर मिट्टी डलवाना, भवन की आवश्यक न्यूनतम मरम्मत करवाने सहित आवश्यक महत्वपूर्ण कार्य किए जाएं। एक जुलाई से पहले स्कूल भवनों में यह कार्य आवश्यक रूप से करवाने के लिए कहा गया है।


इसके अलावा, अतिवृष्टि सहित किसी भी प्राकृतिक आपदा के समय आपात स्थिति से निपटने के लिए निकटतम अस्पताल, स्वास्थ्य केन्द्र, पुलिस स्टेशन, अग्निशमन केन्द्र की सूची बनाने, स्कूल के जिन कमरों में मरम्मत की आवश्यकता लगे, वहां से विद्यार्थियों को अन्य सुरक्षित स्थान कक्ष में बिठाने की व्यवस्था करने, जर्जर कक्षों के आस-पास विद्यार्थियों की पहुंच नहीं हो ऐसी व्यवस्था कराने के निर्देश दिए गए हैं।


पूरे विद्यालय भवन में ही सुरक्षा की विश्वसनीयता आशंकित हो तो सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों से समन्वय कर अधिकारियों द्वारा मौका मुआयना करने के बाद पास के अन्य नजदीकी विद्यालय में इस विद्यालय को अन्य पारी में चलाने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने को कहा गया है। विद्यार्थियों की संख्या अधिक होने अथवा जर्जर कमरे के कारण बैठक व्यवस्था की परेशानी होने पर सम्बन्धित संयुक्त निदेशक की अनुमति से उक्त विद्यालय को दो पारियों में चलाया जा सकेगा।


विद्यालय परिसर से जल निकासी की उचित व्यवस्था करवाने के साथ ही मानसून के आगमन पर अधिकाधिक पौधरोपण करवाने, जिन विद्यालयों में जल संरक्षण की उचित व्यवस्था उपलब्ध हो वहां जल बहाव के मार्ग में सफाई के साथ ही वर्षाकाल से पूर्व ही पानी की टंकी या टांकों की सफाई कराने के लिए भी कहा गया हैं।

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