चालीस अभ्यर्थियों की फिर से हो सकती है गिरफ्तारी
जयपुर. वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा पेपर लीक मामले में एक बार जेल जा चुके करीब चालीस अभ्यर्थियों पर फिर से गिरफ्तार होने का खतरा है। उदयपुर पुलिस ने 24 दिसम्बर को परीक्षा से पहले ही पेपर लीक गिरोह की ओर से मिले पेपर को बस में हल करते इन अभ्यर्थियों को पकड़ा था। इन्हें निचली अदालत से जमानत मिल गई थी। अदालत के इस आदेश के खिलाफ पुलिस ने हाईकोर्ट में अपील की है। जोधपुर हाईकोर्ट में यह मामला अभी लम्बित है।पुलिस ने इन चालीस अभ्यर्थियों को गिरफ्तार करने के साथ मुख्य आरोपी सुरेश ढाका के रिश्तेदार सुरेश सउ और पेपर हल कराने के लिए उनके साथ आए अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया था। रिढीया धोरा पोस्ट गुढाहेमा जालोर निवासी सुरेश सउ राजस्थान प्रवेशिका संस्कृत विद्यालय ठेलीया चितलवाना में हेड मास्टर था। बस में सुरेश के साथ ही पेपर हल कराने के लिए दो आरोपी भजन लाल विश्नोई और रायता राम चौधरी भी थे। सांचौर के पुर निवासी भजन लाल एमबीबीएस तृतीय वर्ष का छात्र है। वहीं रायता राम सेकेंड ग्रेड अध्यापक है। बस में 24 दिसम्बर को होने वाली परीक्षा में भाग लेने वाले 40 अभ्यर्थी पकड़े गए।
इनमें लगभग सभी अभ्यर्थी जालोर जिले से थे। उदयपुर पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। कुछ दिन बाद अदालत ने उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया था। पुलिस की अपील पर हाईकोर्ट में अन्तिम निर्णय होना बाकी है। अपील स्वीकार की जाती है तो इन आरोपियों को फिर जेल जाना होगा। सुरेश सउ के खिलाफ दो मामले दर्ज हुए थे। वह अभी न्यायिक हिरासत में है। आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा को पकड़े जाने का खतरा था। वह बचाव के लिए अक्सर पेपर लीक गिरोह से सम्पर्क अपने मोबाइल से नहीं करता था। उसके पास की-पैड मोबाइल था। वह गिरोह के सदस्य शेर सिंह मीणा से बात करने के लिए कार्यालय के चपरासी का मोबाइल काम में लेता था।
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