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गुरुवार, 15 जून 2023

Loksabha Election 2024: कितना मुमकिन है समय से पहले लोकसभा चुनाव? नीतीश कुमार के दावे में क्यों नहीं दिख रहा कोई दम



Loksabha Election 2024: कितना मुमकिन है समय से पहले लोकसभा चुनाव? नीतीश कुमार के दावे में क्यों नहीं दिख रहा कोई दम

Loksabha Election 2024: आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अब एक साल से भी कम समय बचा है। बीजेपी, कांग्रेस समेत तमाम दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। एनडीए की काट के लिए विपक्ष एकजुटता में जुटा हुआ है। इसके लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तमाम कोशिशें भी कर रहे हैं। ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, मल्लिाकर्जुन खड़गे, राहुल गांधी आदि समेत कई नेताओं से मुलाकात करने के बाद अब 23 जून को पटना में अहम बैठक करने जा रहे। पहले यह बैठक 12 जून को होनी थी, लेकिन कांग्रेस के बड़े नेताओं की मौजूदगी नहीं होने की वजह से इसे टालकर 23 जून कर दिया गया। विपक्ष की इस बैठक से पहले नीतीश कुमार ने एक बड़ा बयान देकर सबको हैरान कर दिया है। उन्होंने देश में समय से पहले लोकसभा चुनाव होने की आशंका जताई है। हालांकि, राजनीतिक एक्सपर्ट्स नीतीश के दावे में कोई ठोस दम नहीं देख रहे हैं। इसके पीछे 2004 में हुए लोकसभा चुनाव, राम मंदिर समेत तमाम वजहें हैं।  


आखिर नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनाव पर क्या कहा?

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ग्रामीण कार्य विभाग की योजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमें बताया गया है कि साल 2024 जनवरी तक सभी अधूरे काम पूरे कर लिए जाएंगे, लेकिन इसे तेजी से करने की जरूरत है। कोई नहीं जानता कि चुनाव कब हो जाएं। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा, " जरूरी नहीं चुनाव अगले साल ही हों। यह पहले भी हो सकते हैं।" हालांकि, नीतीश कुमार के इस दो पर बीजेपी ने पलटवार करते हुए इसे गलत बताया है। बीजेपी के प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सिर्फ सुर्खियां बटोरने के लिए समय से पहले लोकसभा चुनाव की बात कह रहे हैं। लालू यादव की गोद में बैठकर नीतीश कुमार पीएम बनने का सपना देख रहे हैं।


तय समय से पहले क्यों चुनाव की उम्मीद क्यों नहीं?

राजनीतिक जानकार नीतीश कुमार के दावे में कोई ठोस दम नहीं देख रहे हैं। दरअसल, अगले साल मार्च से मई के बीच लोकसभा चुनाव होने हैं। मध्य मई से लेकर आखिरी मई तक चुनाव के नतीजों का भी ऐलान हो जाएगा। ऐसे में मार्च में अब सिर्फ नौ महीने का समय शेष है। इसी साल के अंत में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होंगे, जिसमें राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश जैसे प्रमुख राज्य शामिल हैं। एक संभावना है कि लोकसभा चुनाव इन राज्यों के चुनावों के साथ ही करवाए जा सकते हैं, लेकिन इसकी संभावना ज्यादा नहीं दिखाई देती। मध्य प्रदेश में बीजेपी पहले से ही मजबूत है और राजस्थान में लंबे समय से हर बार सत्ता परिवर्तन का ट्रेंड रहा है। इसी वजह से बीजेपी का विधानसभा चुनाव में पलड़ा भारी दिखाई दे रहा है। वहीं, दूसरी ओर अगर विधानसभा चुनाव के नतीजे बीजेपी के मन मुताबिक नहीं भी आए तो भी यह जरूरी नहीं कि लोकसभा चुनाव से उसे कोई ज्यादा नुकसान हो। दरअसल, 2018 में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान के चुनाव हारने के बाद भी बीजेपी ने कुछ महीने बाद हुए आम चुनाव में बड़ी जीत दर्ज की थी।


राम मंदिर का उद्घाटन और 2004 चुनाव का सबक

अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर का उद्घाटन जल्द होने वाला है। कहा जा रहा है कि 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी, जिस कार्यक्रम में खुद प्रधानमंत्री मोदी भी शामिल होंगे। हालांकि, राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से भेजे गए न्योते का कोई अभी तक पीएमओ की ओर से आधिकारिक जवाब नहीं आया है, लेकिन भक्तों के लिए दिसंबर, 2023 या जनवरी 2024 में राम मंदिर खोला जा सकता है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का वादा बीजेपी दशकों से करती रही है। हर बार वह इसे मेनिफोस्टो में भी शामिल करती आई। इसी वजह से अब जब जनवरी, 2024 में राम मंदिर के उद्घाटन की संभावना है तो साफ है कि उससे पहले लोकसभा चुनाव शायद ही करवाए जाएं। जानकारों का मानना है कि राम मंदिर का उद्घाटन होने से आगामी लोकसभा चुनावों में बीजेपी को लाभ भी मिल सकता है। ऐसे में तय समय से पहले लोकसभा चुनाव करवाने की संभावना नहीं दिखाई देती है।


वहीं, साल 2004 में हुए लोकसभा चुनाव से सबक लेते हुए भी केंद्र सरकार शायद ही समय से पहले आम चुनाव का रिस्क ले। दरअसल, 2004 में  तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कुछ समय पहले हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा के अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए 13वीं लोकसभा को समय से पहले भंग करने की सिफारिश की थी, जिससे जल्द लोकसभा चुनाव हो सकें। बीजेपी को उम्मीद थी कि 'शाइनिंग इंडिया' कैंपेन के बदौलत फिर से सत्ता में उसकी वापसी हो सकेगी, लेकिन कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सबसे ज्यादा सीटें जीती थीं। बाद में गठबंधन करते हुए यूपीए ने सरकार बनाई। तमाम वजहों में एक वजह यह भी है कि बीजेपी शायद ही आम चुनाव समय से पहले करवाने के पक्ष में हो। वह हर हाल में बचे हुए समय का सदुपयोग करते हुए मोदी सरकार की उपलब्धियां बताने की कोशिश करेगी, जिससे उसे आम चुनाव में लाभ मिल सके।


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