Minimum Pension in NPS : सरकारी कर्मचारियों के लिए गुड न्यूज, NPS में मिलेगी मिनिमम 45% पेंशन, सरकार कर रही बड़े बदलाव
नई दिल्ली : ओल्ड पेंशन स्कीम Vs नेशनल पेंशन स्कीम की राजनीति के बीच भारत सरकार के अधिकारियों ने एक राहत भरी बात कही है। भारत सरकार के अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि वे न्यू मार्केट लिंक्ड पेंशन स्कीम (National Pension Scheme) में बदलावों पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये बदलाव कर्मचारियों को उनकी लास्ट सैलरी की 40% से 45% न्यूनतम पेंशन मिलना सुनिश्चित करेंगे। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। हालांकि अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया कि सरकार पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) की तरफ नहीं लौटेगी।
अभी 38% तक मिलती है पेंशन
मौजूद पेंशन में कर्मचारियों को अंतिम वेतन का लगभग 38% तक पेंशन मिलती है। अगर सरकार 40% पेंशन सुनिश्चित करती है, तो उस पर 2% राशि का अतिरिक्त भार पड़ेगा। हालांकि, अगर बाजार में निवेश पर रिटर्न घटता है तो पेंशन के मद में सरकार पर बोझ बढ़ जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, वित्त मंत्रालय ऐसा रास्ता अपनाना चाहता है, जिसके तहत पेंशन का भार सरकार पर कम से कम पड़े। संभावना है कि सरकार जो पेंशन योजना लाएगी, उसे महंगाई भत्ते से नहीं जोड़ा जाएगा।
कई राज्य पुरानी पेंशन की तरफ लौटे
विपक्ष शासित कई राज्यों के पुरानी पेंशन योजना (OPS) की तरफ लौटने के बाद भारत सरकार की नीति में यह बदलाव देखने को मिल रहा है। कई बीजेपी शासित राज्य भी नेशनल पेंशन योजना (NPS) को लेकर बेचैनी व्यक्त कर चुके हैं। राजनीतिक दलों द्वारा चुनावों में पेंशन के मुद्दे का इस्तेमाल शुरु करने के बाद सरकार ने एनपीएस की समीक्षा के लिए अप्रैल में एक समिति का गठन किया था। यह समीक्षा कई अहम राज्यों के चुनावों और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के बीच देखने को मिली है।
एनपीएस में मिलेगी 40-45% पेंशन
नेशनल पेंशन स्कीम में बदलाव और न्यूनतम 40-45 फीसदी पेंशन सुनिश्चित करके सरकार राजनीति और अर्थव्यवस्था के बीच संतुलन बनाने का प्रयास कर रही है। सरकारी कर्मचारियों की पेंशन केंद्रीय बजट का एक बड़ा हिस्सा ले जाती है।
OPS Vs NPS
ओल्ड पेंशन स्कीम में सरकार कर्मचारी की लास्ट सैलरी की 50 फीसदी पेंशन की गारंटी देती है। इसके लिए कर्मचारी को अपनी जॉब के दौरान कोई योगदान नहीं देना होता है। वहीं, नेशनल पेंशन स्कीम में कर्मचारी को अपनी बेसिक सैलरी का 10 फीसदी योगदान देना होता है। वहीं, सरकार 14 फीसदी योगदान भरती है। एनपीएस में पेंशन कॉर्पस के रिटर्न पर निर्भर करती है।
नई पेंशन स्कीम कब लागू हुई थी?
सरकारी कर्मचारियों को साल 2004 से पहले पुरानी पेंशन स्कीम के तहत रिटायरमेंट के बाद एक तय पेंशन मिलती थी। यह पेंशन रिटायरमेंट के समय कर्मचारी की सैलरी पर आधारित होती थी। इस स्कीम में रिटायर्ड कर्मचारी की मौत के बाद उसके फैमिली मेंबर्स को भी पेंशन मिलने का नियम था।हालांकि अटल बिहारी वाजपेई सरकार ने अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त होने वाले कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम को बंद कर दिया था और इसकी जगह नई पेंशन स्कीम लागू हुई थी। बाद में राज्यों ने भी नई पेंशन स्कीम को लागू कर दिया।
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