Rajasthan: राजस्थान यूनिवर्सिटी के दो शिक्षक सम्मानित, रिसर्च वर्क के लिए DST-SERB ने दिया 53 लाख का अनुदान
राजस्थान विश्वविद्यालय के वनस्पति शास्त्र विभाग में कार्यरत सहायक आचार्य डॉ. चन्द्रपाल सिंह और डॉ. इन्दुसिंह सांखला को पादप विज्ञान में शोध कार्य करने के लिए 27 और 26 लाख की ग्रान्ट DST-SERB, नई दिल्ली ने प्रदान की।डॉ. चन्द्रपाल सिंह पिछले दस सालों से माइक्रो RNA और पादपों में जीन नियमन पर रिसर्च वर्क कर रहे हैं। डॉ. चन्द्रपाल सिंह को यह ग्रान्ट राजस्थान के राज्य वृक्ष खेजड़ी में सूखा प्रतिरोधी जीन को पहचानने और उनके गुणों का अध्ययन करने के लिए दी गई है, जबकि डॉ. इन्दुसिंह सांखला पिछले 10 सालों से लेग्यूम पादपों की मूल ग्रन्थिकाओं में नाइट्रोजन स्थिरीकरण करने वाले राइजोबिया पर कार्य कर रहे हैं। इस ग्रान्ट के माध्यम से डॉ. सांखला अरावली की पहाड़ियों पर मिलने वाले विशेष लेग्यूम पादपों में उपस्थित राइजोबिया की विविधता का अध्ययन करेंगे।
कुलपति, विभाग अध्यक्ष, शिक्षकों ने दी बधाई
राजस्थान यूनिवर्सिटी के दो शिक्षकों को यह स्पेशल ग्रान्ट मिलने पर कुलपति प्रो. राजीव जैन, विभागाध्यक्ष प्रो. रेखा विजयवर्गीय और अध्यक्ष रूटा डॉ. संजय कुमार ने दोनों सहायक आचार्यों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। राजस्थान यूनिवर्सिटी के शिक्षकों और प्रोफेजर्स में भी इससे खुशी का माहौल है और ग्रांट पाने वाले दोनों शिक्षकों को बधाइयां देने का दौर जारी है। शोध का यह बेनिफिट होगा कि राजस्थान के राज्य वृक्ष खेजड़ी के साथ ही अरावली की पहाड़ी पर मिलने वाले विशेष लेग्यूम पादपों में उपस्थित राइजोबिया की विविधता का अध्ययन होगा। कम पानी में किस तरह पेड़ विषम परिस्थितियों में उगे रह सकते हैं। इसकी स्टडी के बाद पादप विज्ञान को नए दृष्टिकोण मिलेंगे। जो भारत के अन्य राज्यों मुकाबले बेहद कम बारिश और पानी वाले राजस्थान राज्य के लिए वरदान साबित हो सकता है।
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