RGHS : आरजीएचएस योजना में फर्जीवाड़े पर लगेगी लगाम
सीकर. प्रदेश में राजस्थान गर्वनमेंट हेल्थ स्कीम योजनाओं में फर्जीवाडा और गडबड़ियों को रोकने के लिए निजी अस्पतालों पर शिकंजा कस दिया गया है। जिसके तहत योजना में उपचार करवाने वाले मरीज या उसके परिजनों को डिस्चार्ज करते समय लाइव फोटो लेनी होगी। जिससे आरजीएचएस योजना के कार्ड का निजी अस्पताल और अन्य लोग दुरुपयोग नहीं कर सकेंगे। वहीं विभाग के अधिकारी भी संबंधित कर्मचारी की पहचान कर सकेंगे। आरजीएचएस के अधिकारियों के अनुसार जल्द ही यह व्यवस्था ओपीडी में आने वाले मरीजों के लिए भी जल्द शुरू करने की योजना है। हालांकि अभी आरजीएचएस योजना में इलाज लेने पर मरीज को अस्पताल को अब तक केवल कार्ड के नम्बर और उस पर आना वाला ओटीपी बताना पड़ता था। जिसके आधार पर मरीज का उपचार पैकेज तय हो जाता था।
हर माह चालीस हजार से ज्यादा मरीज
सीकर जिले में आरजीएचएस योजना के तहत हर माह करीब चालीस से पचास हजार कार्ड धारक उपचार लेते हैं। इनमें से कई तो नियमित रूप से दवाएं भी लेते हैं। ऐसे में आरजीएचएस योजना में भर्ती मरीज डिस्चार्ज के समय भी फोटो अपलोड करनी जरूरी होगी। ऐसा न होने पर मरीज के इलाज पर हुए खर्च का भुगतान अस्पताल को नहीं किया जाएगा। इलाज के बाद डिस्चार्ज के समय मरीज यह व्यवस्था नहीं थी। इससे अस्पताल संचालक मरीजों को इलाज का मनमाना बिल बनाकर थमा देते थे और डिस्चार्ज कर घर भेज देते थे। मरीज कुछ बोल भी नहीं पाता था और अस्पताल को सरकार भुगतान कर देती थी। अब इसमें बदलाव किया गया है। प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और पेंशन धारकों के लिए मुफ्त में सालाना स्वास्थ्य सुविधाएं एवं दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए एक जुलाई, 2021 से आरजीएचएस योजना की शुरुआत की थी।
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