4 साल से शिक्षकों को तबादलों में राहत नहीं नई भर्ती ने बढ़ाई की टेंशन, सरकार कई बार कर चुकी घोषणा
थर्ड ग्रेड शिक्षकों के तबादलों को लेकर साढ़े 4 साल से सरकार कई बार घोषणा हो चुकी है। लेकिन कभी पॉलिसी के नाम पर तो कभी आचार संहिता के नाम पर तबादले नहीं हो पा रहे हैं। पहले शिक्षकों को ग्रीष्मकालीन अवकाश में तबादले होने की पूरी आस थी। लेकिन सरकार कोई फैसला नहीं कर सकी। तृतीय श्रेणी शिक्षकों से तबादले के लिए आवेदन मांगे गए थे। इस दौरान 80 हजार से अधिक शिक्षकों ने तबादले के लिए आवेदन किए थे। जुलाई में स्कूलों में नामांकन अभियान के साथ बच्चों की पढ़ाई शुरू हो गई है। ऐसे में यदि अब शिक्षकों की तबादला प्रक्रिया शुरू हो गई तो बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित होगी।इस बीच शिक्षकों को तबादला शुरू होने में संशय बना हुआ है। क्योंकि शिक्षा विभाग में नई तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ऐसे में तबादलों की आस वाले शिक्षकों की चिन्ता यह है कि यदि तबादलों से पहले नए शिक्षकों को नियुक्ति मिलती है तो इनके तबादले का गणित पूरी तरह बिगड़ सकता है।
जून-जुलाई बीता, अब अगस्त में संभावना
तबादलों के इंतजार में जून व जुलाई महीना बीत गया। लेकिन शिक्षकों को राहत नहीं मिली हैं। अब यह इंतजार लम्बा होता जा रहा है। शिक्षा निदेशालय ने 21 बिन्दुओं को शामिल कर गाइड लाइन सरकार को भेजने के साथ ही अब फिर तबादलों की चर्चा शुरू की है।
इन बिंदुओं पर तबादले की उम्मीद
तबादलों के लिए तैयार की गाइड लाइन में दिव्यांग, गंभीर बीमार, विधवा, परित्यक्ता, एकल महिला, भूतपूर्व सैनिकों की पत्नी आदि को प्राथमिकता देने का प्रावधान शामिल है। पंचायती राज तथा प्रारंभिक शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा में शिक्षकों के जिला बदल और जिले में तबादलों के लिए सक्षम अधिकारी निर्धारित किए गए हैं। अंतर जिला तबादलों के लिए पांच वर्ष जिले में ठहराव और टीएसपी तथा नॉन टीएसपी में तबादले अपने क्षेत्र में ही करने का प्रावधान रखा गया है। महात्मा गांधी अंग्रेजी और हिंदी माध्यम स्कूलों से तबादलों को नियंत्रित करने का प्रावधान किया जा रहा है।
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