शिक्षक प्रशिक्षण ऑनलाइन हों तो हर साल 85 करोड़ की बचत, इससे सकते हैं प्रदेश के 25 हजार स्कूल भवन
उदयपुर । शिक्षा विभाग के काम अजीबोगरीब हैं। एक तरफ जर्जर स्कूलों में हजारों बच्चों की जान सांसत में है और मरम्मत के लिए बजट का रोना है। दूसरी ओर शिक्षक प्रशिक्षण के फिजिकल कार्यक्रमों पर समग्र शिक्षा विभाग की ओर से प्रदेश भर में 84.86 करोड़ रुपए बहाए जा रहे हैं। यह वही विभाग है, जो कोरोना काल में यही ट्रेनिंग 3 साल तक ऑनलाइन करवा चुका है। ऐसे में फिर से ये प्रशिक्षण फिजिकल रहा है। करवाना अधिकारियों और सरकार की दूरदर्शिता पर भी सवाल उठा रहा है। बता दें, उदयपुर में 2250 और प्रदेश में 25 हजार सरकारी स्कूल भवन खस्ताहाल हैं। यदि सरकार ये ट्रेनिंग ऑनलाइन करवा दे तो कम से कम साढ़े 8 हजार स्कूल भवनों की स्थिति में सुधार लाया जा सकता हैं। अकेले उदयपुर को 1.50 करोड़ रुपए की जरूरत है। अभी दीक्षा पोर्टल के जरिए ऑनलाइन सिस्टम से ही कई तरह का प्रशिक्षण शिक्षकों को दिया रहा है।
ये भी तो हो रहा : दीक्षा पोर्टल पर रोज ऑनलाइन ट्रेनिंग
दीक्षा पोर्टल के तहत आरकेएसएमबीके (राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम) एप पर प्रतिदिन शिक्षकों को 1 घंटे का समय देना होता है। इसमें कई तरह के सवाल भी किए जाते है। जिन कक्षाओं में शिक्षक पढ़ाता है, उनकी डिटेल भी भरनी होती है। ऐसे ही ग्रीष्मावकाश के दौरान भी ऑनलाइन ट्रेनिंग होती है। ऑनलाइन ट्रेनिंग का काम पूरे साल भर चलने वाला है। इसमें हजारों शिक्षक प्रशिक्षण लेंगे।तीन साल का प्रोजेक्ट सफल रहा कोविड काल के दौरान सरकार ने भले ही स्कूल बंद रखे, लेकिन शिक्षकों के लिए ट्रेनिंग कोर्स जारी थे। इसके लिए विभाग ने प्रोजेक्ट तैयार किया था। यह प्रोग्राम भी सफल रहा था। अभी जो प्रशिक्षण दिया जा रहा है, वह कक्षा 1 से 5 तक का है।
4 से 6 दिन के प्रशिक्षणों में 84 करोड़ 86 लाख 75
एसआरजी 198 पर 11.88 लाख खर्च: राज्य स्तर पर हाल ही 198 लोगों को यह ट्रेनिंग दी गई। स्टेट रिसोर्स ग्रुप के रूप में प्रति संभागी 1000 रुपए खर्च आया। ट्रेनिंग 6 दिन चली। यानी प्रति व्यक्ति 6000 और 198 लोगों पर 11.88 लाख रुपए खर्च किए गए।
एमटी केआरपी 6 दिन में 1.07 करोड़: राज्य स्तर पर यह ट्रेनिंग 3590 शिक्षकों को दी गई। मास्टर ट्रेनर और की रिसोर्स पर्सन के रूप में 6 दिन ट्रेनिंग होती है। प्रति शिक्षक प्रति दिन 500 रुपए यानी कुल 1 करोड़ 7 लाख 70 हजार रुपए खर्च हुए।
शिक्षक प्रशिक्षण 41.68 करोड़ खर्च: यह ट्रेनिंग हर ब्लॉक स्तर पर 5वीं तक पढ़ाने वाले शिक्षकों को देते हैं, जो गत 22 जुलाई को खत्म हुई। उदयपुर में 700 से अधिक ने प्रशिक्षण लिया। प्रदेश में 138962 शिक्षकों को देंगे। प्रति शिक्षक 500 रुपए के हिसाब से 41 करोड़ 68 लाख रुपए खर्च तय।
क्लस्टर कार्यशाला : 27.79 करोड़ खर्च: ब्लॉक स्तर पर एक-एक दिन की 4 बार यह ट्रेनिंग 1 लाख 38 हजार 962 प्राथमिक शिक्षकों को दी जाएगी। प्रति शिक्षक 500 रुपए यानी 27 करोड़ 79 लाख 24 हजार रुपए का खर्च होंगे
कक्षा 6 से 8 तक दूसरे प्रशिक्षण, इन पर भी होता है बड़ा खर्चा
एसआरजी: प्रदेश के 66 लीडर को 6 दिन प्रति 500 रुपए यानी एक लाख 98 हजार रुपए खर्च।
एमटी ट्रेनिंग: 718 लोगों को, प्रति व्यक्ति 500 रुपए के हिसाब से 6 दिन का खर्च 21 लाख 54 हजार रुपए।
संस्था प्रधान: 500 रुपए प्रति व्यक्ति, 6 दिन प्रदेश में 19485 शिक्षकों पर 5 करोड़ 84 लाख 55 हजार खर्च।
उप प्राचार्य एसआरजी और केआरपी : 1000 रुपए प्रति व्यक्ति 6 दिन तक, 366 को देंगे। खर्च 21 लाख 96 हजार
उपाचार्य: प्रदेश में 9998 को 6 दिन तक प्रति व्यक्ति 1000 यानी 5 करोड़ 99 लाख 88 हजार ।
पीईईओ एसआरजी: 66 को 3 दिन ट्रेनिंग प्रति व्यक्ति 1500 के हिसाब से खर्च 2.97 लाख रुपए।
एमटी प्रशिक्षण: 718 लोगों 3 दिन ट्रेनिंग प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 1500 रुपए के हिसाब से 32 लाख 31 हजार खर्च
हजारों पद पहले ही खाली हैं, सीएम को पत्र लिखा : चौहान
अकेले उदयपुर में 1224 व्याख्याता, 1045 द्वितीय श्रेणी, 1120 लेवल द्वितीय तृतीय श्रेणी, 700 लेवल प्रथम के पद खाली है। ऐसे ही हजारों पद प्रदेश में खाली हैं। हमने सीएम को पत्र लिखकर कहा कि ट्रेनिंग के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इसके बदले स्कूलों की हालत सुधारें। सकारात्मक प्रभाव तो पड़ेगा। कोविड काल में 3 साल तक ऑनलाइन ट्रेनिंग दी थी। वैसे भी शिक्षक एसटीसी, बीएड और ट्रेनिंग शुदा ही है। शेरसिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष, शिक्षक एवं पंचायतीराज कर्मचारी संघ
ऑनलाइन ट्रेनिंग पर भी विचार
"हां, ये सच है और ये बात हमारी प्लानिंग में है। ऑनलाइन ट्रेनिंग को लेकर भी विचार किया जा रहा है। -टी. शुभमंगला, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, सम्मा शिक्षा अभियान
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