ऑनलाइन के फेर में : बालिकाओं को नहीं मिल रही गार्गी एवं बालिका प्रोत्साहन पुरस्कार की राशि, प्रोत्साहन राशि से वंचित हो रही मेधावी बेटियां
हनुमानगढ़. यूं तो तकनीक तमाम तरह की तकलीफ दूर करने का काम करती है। मगर बालिका शिक्षा प्रोत्साहन पुरस्कार की प्रक्रिया पूर्णत: ऑनलाइन होने के बाद से राहत की तुलना में तकलीफ अधिक दे रही है। गार्गी एवं बालिका प्रोत्साहन पुरस्कार के लिए चयनित होने के बावजूद आवेदन संबंधी दिक्कतों के चलते जिले से लेकर प्रदेश भर में हजारों बालिकाएं पुरस्कार राशि हासिल करने से वंचित रह गई हैं। स्थिति यह है कि गार्गी एवं बालिका प्रोत्साहन पुरस्कार वर्ष 2021-22 के लिए आवेदन करने के बाद तकनीकी कारणों से पुरस्कार राशि से वंचित रही बालिकाओं के आवेदन की कमियां सही कराने के लिए बार-बार तिथि आगे बढ़ाई जा रही है।इसके बावजूद अपेक्षाकृत संख्या में आवेदनों की त्रुटि सही नहीं हो रही है। यही वजह है कि बालिका शिक्षा फाउंडेशन राजस्थान, जयपुर ने इस संबंध में सभी डीईओ माध्यमिक मुख्यालय को दिशा-निर्देश जारी कर वंचित मेधावी बालिकाओं के 30 जुलाई तक ऑनलाइन आवेदन अपडेट कराने को कहा है। इसके अभाव में छात्राएं प्रोत्साहन राशि से वंचित हो जाएंगी।
घटी माथापच्ची मगर..
यह सही है कि ऑनलाइन प्रक्रिया से शिक्षा विभाग की माथापच्ची घटी है तथा कागजी कामकाज कम हुआ है। साथ ही छात्राओं को उपखंड या जिला मुख्यालय आकर पुरस्कार लेने से निजात मिली है। मगर शत-प्रतिशत पात्र बालिकाओं को पुरस्कार राशि दिलाने में यह व्यवस्था अब तक विफल रही है। पहले छात्राएं प्रमाण पत्र लेने आती थी तो पुरस्कार राशि प्राप्त करने प्रक्रिया संबंधी कमियां भी पूर्ण करवा ली जाती थी। अब प्रमाण पत्र भी डिजिटल अपलोड हो जाता है। ऐसे में संस्था प्रधानों को संबंधित छात्राओं के दस्तावेज आदि लेकर पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कराने आदि में समस्या आती है। ऐसे में यदि प्रमाण पत्र विद्यालय स्तरीय समारोह में देने अनिवार्य किए जाए तो पात्र छात्राओं के आवेदन में आने वाली दिक्कतों का समाधान करने में भी आसानी हो सकेगी।
1246 बेटियां रह गई महरूम
जिले की बात करें तो दो साल पहले जिले की 1246 बालिकाएं पात्रता के बावजूद गार्गी पुरस्कार राशि एवं प्रमाण पत्र से वंचित रह गई थी। हालांकि इसके पीछे कोरोना संक्रमण संकट भी एक प्रमुख वजह रहा। मगर विद्यालय या डीईओ स्तर पर ऑफलाइन व्यवस्था आदि नहीं होने के कारण वंचित छात्राओं को लाभ नहीं दिलाया जा सका। शिक्षा सत्र 2020-21 में कुल 3286 बालिकाएं पात्र थी। मगर इनमें से 2040 बालिकाओं के ही प्रथम किस्त के लिए आवेदन भरवाए जा सके थे। मतलब 1246 बालिकाएं पुरस्कार राशि एवं प्रमाण पत्र से वंचित रह गई थी। पुरस्कार राशि दो किस्तों में दी जाती है। प्रथम किस्त नहीं ली तो द्वितीय भी नहीं मिलती।
गार्गी एवं बालिका प्रोत्साहन पुरस्कार वर्ष 2021-22 की पात्र बालिकाओं के ऑनलाइन आवेदन शाला दर्पण पोर्टल पर पिछले साल 30 सितम्बर तक भरवाए गए थे। निर्धारित अंतिम तिथि तक भरे गए ऑनलाइन आवेदनों की पुरस्कार राशि बालिकाओं के परिवार जन आधार नम्बर से जुड़े बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से जमा करवा दी गई थी। लेकिन जन आधार से जुड़ा बैंक खाता बंद होने, बैंक खाता नम्बर व बैंक आईएफएससी सही नहीं होने आदि कारणों के चलते प्रदेश में हजारों पात्र बालिकाएं पुरस्कार राशि से वंचित रह गई। उन बालिकाओं को पुरस्कार राशि देने के लिए अवसर प्रदान करते हुए उनके ऑनलाइन आवेदन को अपडेट करने की प्रक्रिया चलाई जा रही है। इसके लिए बार-बार तिथि आगे बढ़ानी पड़ रही है। क्योंकि बहुत कम संख्या में आवेदन अपडेशन हो रहा है।
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