राजस्थान: पीसीसी ऑफिस के बाहर शिक्षक ने चिपकाए पोस्टर, जाहिदा खान को भ्रष्ट मंत्री बताकर लिखी ये बातें
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी ऑफिस में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब मंगलवार सुबह पीसीसी के बाहर लगे कांग्रेस नेताओं के होर्डिंग्स पर कोई व्यक्ति सरकार की मंत्री जाहिदा खान के खिलाफ तीन अलग-अलग पोस्टर चस्पा कर गया। इसमें मंत्री पर ट्रांसफर के नाम पर तीन लाख रुपये लेने के आरोप लगाया गया है।राजस्थान की कांग्रेस सरकार में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग और कला, साहित्य, संस्कृति और पुरातत्व विभाग की राज्यमंत्री जाहिदा खान पर ट्रांसफर के नाम पर तीन लाख रुपये लेने और वापस नहीं लौटने के आरोप लगे हैं। जयपुर के चांदपोल स्थित राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के ऑफिस के बाहर लगे होर्डिंग्स पर कोई रात में या जल्द सुबह विवादित पोस्टर चिपका गया। कागज़ी पोस्टर्स पर हाथ से ही लिखा हुआ था कि "ट्रांसफर के नाम पर लिया मुख्यमंत्री जी मंत्री जाहिदा खान से मेरे तीन लाख दिला दो। निवेदक- एक गरीब किसान का बेटा।
दूसरे और तीसरे पोस्टर पर मंत्री के खिलाफ ये लिखा
इसी तरह एक और पोस्टर दूसरे होल्डिंग पर चिपका हुआ पाया गया, जिस पर लिखा था "प्रभारी रंधावा जी मंत्री जाहिदा खान से हमारे पैसे दिला दो।" इसी तरह एक और तीसरा पोस्टर चिपकाया गया, जिस पर लिखा था "राजस्थान सरकार की सबसे भ्रष्ट मंत्री जाहिदा खान विधायक कामां। निवेदक- दुखी शिक्षक।"
पीसीसी कर्मचारियों ने आनन-फानन में हटाए पोस्टर्स, चिपकाने वाले की खोजबीन जारी
पीसीसी के बाहर लगे इन पोस्टर से साफ है कि एक पोस्टर में निवेदक एक गरीब किसान का बेटा लिखा है, जबकि अन्य पोस्टर में निवेदक दु:खी शिक्षक लिखा हुआ है। तबादले के बदले पैसे लेने के आरोप इन पोस्टर में लगाए गए हैं और लिए गए पैसे वापस नहीं लौटाने के आरोप लगाए हैं। जिस व्यक्ति ने कथित रूप से पैसा दिया, उसका काम यानी ट्रांसफर नहीं हुआ। अब वह दिए गए पैसे वापस पाने के लिए गुहार लगा रहा है। यह पोस्टर देखते ही पीसीसी कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। कर्मचारियों ने तुरंत फुरत में विवादित पोस्टर्स को हटा दिया। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय प्रभारी और पीसीसी चीफ को घटना की सूचना पहुंचाई गई। इसके बाद पोस्टर चिपकाने वाले की खोजबीन शुरू कर दी गई है। पीसीसी और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले जा रहे हैं।
वाकई हुआ भ्रष्टाचार या यह किसी की शरारत?
अब बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया है कि क्या शिक्षक के तबादले के बदले रिश्वत के रूप में पैसा लिया गया था? वह शिक्षक कौन है और वह सामने क्यों नहीं आ रहा। क्या उसे रिश्वत देने के मामले में अपनी सरकारी नौकरी जाने का डर है? इसलिए वह खुलकर आरोप नहीं लगा रहा और दबाव बनाने के लिए ये पोस्टर चिपका गया। या फिर यह केवल किसी की शरारत है जो मंत्री और कांग्रेस सरकार को बदनाम करना चाहता है। लेकिन सवाल इसलिए गंभीर है क्योंकि पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी शिक्षकों के एक कार्यक्रम में जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में पूछा था कि क्या ट्रांसफर और काम करवाने के बदले आपको पैसे देने पड़ते हैं? तो शिक्षकों ने तत्कालीन शिक्षा मंत्री के सामने "हां" में जवाब दिया था। जिससे कांग्रेस सरकार की बहुत किरकिरी पब्लिक में हुई थी और विपक्षी दलों को भी खुद सीएम अशोक गहलोत ने बैठे-बिठाए भ्रष्टाचार और तबादलों में रिश्वतखोरी का एक बड़ा मुद्दा हाथ दे दिया था।
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