GK: बचपन में चाय पीने से रोका जाता है, क्या सच में इससे कोई काला होता है? जानें क्या कहता है साइंस
Caffeine Effects on Body: बच्चों को चाय नहीं पीने दी जाती है. आपने भी बचपन में अपने घर के बड़ों से चाय पीने के लिए जिद की होगी तो आपको यही सुनना पड़ा होगी "अगर चाय पिओगे तो काले हो जाओगे." हर किसी ने अपने बचपन में ये बात जरूर सुनी ही होगी. यहा डर बताकर बच्चों को चाय पीने से रोका जाता था, लेकिन क्या वाकई ऐसा कुछ होता है? आइए जानते हैं क्या है इसके पीछे का साइंस...
मेलानिन जेनेटिक्स तय करना है त्वचा का रंग
साइंस के मुताबिक किसी भी व्यक्ति की स्किन का कलर मेलानिन जेनेटिक्स तय करता है. इस तत्व के कारण कोई गोरा ,कोई सांवला या काला होता है. हालांकि, कई रिसर्च में यह भी दावा किया गया है कि चाय पीने का त्वचा के रंग पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है, जबकि चाय सही मात्रा में पीने से शरीर को कई तरह के फायदे होते हैं.
बच्चे चाय पीने से होते हैं काले?
दरअसल, चाय की पत्ती में पाया जाने वाला कैफीन बच्चों की सेहत को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकता है, लेकिन चाय की लत लग जाए तो उससे छुटकारा पाना मुश्किल होता है. यही कारण है कि बच्चों को चाय पीने से रोकने के लिए रंग काला होने का डर उनके दिमाग में डाल देते हैं. पूरे देश में धारे-धीरे बच्चों को चाय पीने से रोकने का यह तरीका बेहद प्रचलित हो गया और अब माता-पिता और घर के बड़े अपने बच्चों को चाय पीने से रोकने के लिए यही ट्रिक इस्तेमाल करते हैं.
चाय पीने के ये हैं नुकसान
चायपत्ती में मौजूद कैफीन की वजह से पेट में गैस बनाती
कई बार पाचन शक्ती से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
खाली पेट चाय पीने से हाइपर एसिडिटी और अल्सर का खतरा रहता है.
कितनी चाय पीनी चाहिए?
एक रिपोर्ट के अनुसार स्वस्थ व्यक्ति को पूरे दिन में 1-2 कप चाय का ही सेवन करना चाहिए. हालांकि, सर्दी-जुकाम या गले में खराश होने पर आप 2-3 कप हर्बल टी पी सकते हैं.
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