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गुरुवार, 10 अगस्त 2023

भला करने निकले थे, नोटिस लेकर लौटे,लैब असिस्टेंट पीटीआई, अध्यापक एल 1-2 के शिक्षकों को मिला कारण बताओ नोटिस



 भला करने निकले थे, नोटिस लेकर लौटे,लैब असिस्टेंट पीटीआई, अध्यापक एल 1-2 के शिक्षकों को मिला कारण बताओ नोटिस

बीकानेर . शिक्षा विभाग और उसके फैसले निराले ही होते हैं। पेपरलीक के आरोपी को प्रमोशन देने जैसा कांड अभी लोगों के जेहन से ठीक से मिटा भी नहीं कि अब विभाग ने बोर्ड परीक्षा परिणाम कम रहने पर प्रयोगशाला सहायकों, शारीरिक शिक्षकों, अध्यापक लेवल-प्रथम और द्वितीय के शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस थमा कर नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है। इन लोगों की गलती मात्र इतनी थी कि इन्होंने शिक्षकों की कमी होने पर वरिष्ठों के निर्देश पर दसवीं और बारहवीं के विद्यार्थियों की कक्षाएं ले लीं। कंगाली में आटा गीला होने वाला मुहावरा भी यहीं सार्थक होता दिखा, जब उन विषयों में ही परीक्षार्थियों के कम अंक आ गए। विभाग को तो किसी को जिम्मेदार ठहराना ही था, तो उसने बिना विचारे सारा ठीकरा उन्हीं पर फोड़ दिया।


क्या है मामला

गौरतलब है कि प्रयोगशाला सहायकों का कार्य प्रयोगशाला में विज्ञान के विद्यार्थियों का सहयोग करना होता है। शारीरिक शिक्षकों को शारीरिक शिक्षा का, जबकि अध्यापक लेवल प्रथम के शिक्षक को पांचवीं तक के विद्यार्थियों को पढ़ाने का अधिकार है। इसी तरह अध्यापक लेवल द्वितीय के शिक्षक छठी से आठवीं तक के विद्यार्थियों को ही पढ़ाते हैं।


मिली जानकारी के मुताबिक, शिक्षकों की कमी या वरिष्ठों के निर्देश पर प्रयोगशाला सहायकों, शारीरिक शिक्षकों, लेवल एक-दो के शिक्षकों ने दसवीं बारहवीं के विषय पढ़ा कर विद्यार्थियों के हित की सोची।हालांकि, विषय पढ़ाने का परिणाम यह हुआ कि टाइम टेबल में उनका नाम अंकित हो गया। बस इसी आधार पर जिला शिक्षा अधिकारी ने उनकी हौसलाअफजाई करने के बजाय सीधे नोटिस ही थमा दिया।


आती रही हैं तालाबंदी की खबरें

बीकानेर में शिक्षकों की कमी के चलते स्कूलों में तालाबंदी की खबरें आती रही हैं। ऐसे में पढ़ाई बाधित न हो, इस लिए संभवत: संस्था प्रधानों ने भी इन कार्मिकों से पढ़ाई कराने का फैसला किया, जो अंतत: प्रयोगशाला सहायकों, शारीरिक शिक्षकों, लेवल एक-दो के शिक्षकों पर भारी पड़ गया।


गुस्से में शिक्षक संगठन

शिक्षक संघ राष्ट्रीय के अति. प्रदेश महामंत्री रवि आचार्य के मुताबिक, विभाग को सहयोग करने वाले शिक्षकों को प्रोत्साहन न देकर अगर इस तरह प्रताड़ित किया जाएगा, तो भविष्य में कोई भी शिक्षक अपने विषय या कर्तव्यों के अलावा दूसरी जिम्मेदारी नहीं संभालेगा। नोटिस जारी करने से पूर्व यह देखना चाहिए कि जिसे नोटिस दे रहे हैं, वह जिम्मेदार है भी या नहीं।


केस-एक : जालोर के जिला शिक्षा अधिकारी ने राउमावि राजिकाबास स्कूल के शारीरिक शिक्षक हनमंत सिंह देवल को 12वीं का परिणाम कम रहने पर कारण बताओ नोटिस थमा दिया।


केस-दो : राबाउमावि आहोर के प्रयोगशाला सहायक महेश कुमार बोस को भी बारहवीं कक्षा को उनके पढ़ाए विषय का परिणाम कम रहने पर कारण बताओ नोटिस थमा दिया।


केस-तीन : राउमावि रोड़ा रानीवाड़ा के अध्यापक लेवल-प्रथम के शिक्षक गणेश राम चौधरी को दसवीं का रिजल्ट 44 फीसदी रहने पर कारण बताओ नोटिस थमा दिया गया।

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