10 साल से जर्जर भवन: ना गिराया गया और ना ही कमरे बने
नवागांव. बांसवाड़ा जिले के गांव में रहने वाले बच्चे आज भी शिक्षा के लिए मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। बांसवाड़ा ब्लॉक की बोरखबर ग्राम पंचायत के मालपाड़ा प्राथमिक स्कूल का कुछ ऐसा ही हाल है। यहां करीब 10 साल से भी अधिक समय से स्कूल के कमरे जर्जर हैं। इसलिए शिक्षक मजबूरी में स्कूल के कमरे के बजाय खुले मैदान के कंकड़ एवं पत्थरों के बीच बैठकर पढ़ाने को मजबूर हैं। संस्था प्रधान मीरा वर्मा ने बताया कि विद्यालय में कुल 53 बच्चे पढ़ते हैं। 10 साल से स्कूल का कमरा एवं बरामदा जर्जर है। स्कूल के दो कमरे हैं, जिसमें बच्चों के खाने के लिए सरकार की तरफ से दिया जाने वाला खाद्यान्न रखा है। वह भी भीग ना जाए इसलिए प्लास्टिक से उसे ढका गया है। बरामदे की छत में प्लास्टर उखड़ा हुआ है तो कई जगह लोहे के जंग लगे सरिए साफ दिखाई दे रहे हैं।
15 नवंबर 2019 को दिए आदेश
विभाग ने 15 नवंबर 2019 यानी 4 साल पहले स्कूल भवन को गिराने का आदेश जारी कर दिया था, जिसकी पालना नहीं हुई। वहीं ग्राम पंचायत की तरफ से आज तक स्कूल के भवन को बनाने की पहल नहीं की गई नतीजन स्कूल स्टाफ मजबूरी में जर्जर भवन के पास खुली जगह पर बैठकर पढ़ाने को मजबूर है। वहीं विभाग ने स्कूल स्टाफ को इस जर्जर भवन में नहीं बिठाने एवं पास के मंदिर में पढ़ाने का मौखिक निर्देश देते हुए कहा गया कि अगर यहां कोई घटना हो तो जिम्मेदार संस्था प्रधान रहेगी। देवीलाल मईडा ने बताया की उनके परिवार के बच्चे यहां पढ़ते हैं। कमरा जर्जर है कई बार सरपंच को स्कूल के कमरे की मांग की गई, लेकिन समाधान नहीं हुआ।
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