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गुरुवार, 10 अगस्त 2023

स्पर्श के संबंध में अध्यापिकाओं को मिलेगा प्रशिक्षण, 11 तक आवेदन



 स्पर्श के संबंध में अध्यापिकाओं को मिलेगा प्रशिक्षण, 11 तक आवेदन

श्रीगंगानगर / सूरतगढ़| जिले के 1942 सरकारी स्कूलों में शनिवार को नो बैग-डे पर बच्चों को गुड टच और बैड टच और स्मार्ट विद्यार्थी के बारे में सिखाया जा रहा है। ऐसे में अब राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की ओर से आदेश जारी कर शिक्षा अधिकारियों को गुड टच बैड टच प्रशिक्षण के संबंध में शिक्षकों की सूचना शाला दर्पण पोर्टल पर 11 अगस्त को शाम 5 बजे तक अपडेट करने को कहा है। अतिरिक्त राज्य परियोजना निदेशक डॉ. अनिल कुमार के अनुसार सरकारी स्कूलों में कार्यरत एक शिक्षक प्राथमिकता महिला शिक्षकों को गुड टच और बैड टच संबंधित गतिविधियों पर समझ विकसित करने हेतु एक दिवसीय आमुखीकरण प्रशिक्षण जिला स्तर पर आयोजित किया जाएगा।प्रशिक्षण के लिए 11 अगस्त तक संबंधित महिला शिक्षक को आवेदन करना होगा। उक्त आमुखीकरण में प्रशिक्षित अध्यापिकाओं द्वारा सरकारी स्कूलों के पूर्व प्राथमिक से कक्षा 8 तक के विद्यार्थियों को 26 अगस्त को गुड टच और बैड टच का प्रशिक्षण दिया जाएगा।


इस शनिवार 12 अगस्त को भी कई गतिविधियां होंगी :

विभाग के अधिकारियों के अनुसार बच्चों के समग्र विकास के लिए स्कूलों में शनिवार को नो बैग-डे मनाने का निर्णय लिया। ऐसे में इसकी उपयोगिता समझाने के लिए शासन सचिव शिक्षा नवीन जैन ने एक पत्र संस्था प्रधान के नाम लिखा है।इसमें शासन सचिव ने संस्था प्रधानों को संस्था प्रधान की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। अर्द्ध शासकीय पत्र में बच्चों को गुड टच बैड टच सिखाने के साथ संविधान उद्देशिका व कर्तव्यों का सामूहिक पठन के निर्देश दिए है। 12 अगस्त को जीवन है अनमोल में सड़क सुरक्षा पर सकारात्मक पहल, स्मार्ट विद्यार्थी पहल और तंबाकू से बचाव  की मुहिम भी मनाई जाएगी।


अपने बच्चे को जानकारी दें-क्या होता है गुड टच और बैड टच


1. गुड टच और बैड टच अपने बच्चे को समझाएं कि अगर कोई आपको टच करें और आपको अच्छा न लगे तो इसे बैड टच कहते हैं। जैसे- कोई व्यक्ति आपके प्राइवेट पार्ट्स को गलत तरीके से छूने की कोशिश करे तो ये बैड टच होता है। इसके अलावा अगर कोई आपको प्यार से टच करे, जैसे कि माथे पर हाथ फेरना या प्यार से गालों को खींचना। ये सभी गुड टच में गिने जाते हैं। 


2. शरीर के अंगों की दें जानकारी बच्चों को उनके शरीर के बारे में जानकारी दें। बच्चों को उनके प्राइवेट पार्ट्स के बारे में जानकारी देना जरूरी है। माता-पिता को बताना चाहिए कि अगर कोई व्यक्ति उनके प्राइवेट पार्ट को छूने की कोशिश करे, तो उन्हें इसका विरोध करना चाहिए या फिर अपने माता-पिता को इस बारे बताना चाहिए। साथ ही उन्हें समझाएं कि इससे उन्हें डरकर चुप नहीं रहना चाहिए।


3. गलत व्यवहार के बारे में बताएं: खेल-खेल में उन्हें बताएं कि किस तरह से टच करने का उनको विरोध करना चाहिए। जैसे अगर कोई उन्हें जबरदस्ती गोद में उठाने या चूमने की कोशिश करे, तो उन्हें अपने आपको छुड़ाकर तुरंत अपने उस व्यक्ति से दूर भाग जाना चाहिए। अगर स्कूल में है, तो उन्हें अपने टीचर के पास भाग जाना चाहिए।


4. बच्चे को न कहना सिखाएं: बच्चे मन से बेहद सरल होते हैं। उन्हें अगर कोई प्यार से कुछ खाने या खेलने को दें, तो वह उनके साथ खेलने या खाने लगते हैं। ऐसे में उनका फायदा उठाना या उन्हें गलत तरीके से छूने की कोशिश की जाती है इसलिए बच्चे को ये जरूर बताएं कि अगर बाहर कोई कुछ खाने दे या खेलने दे तो उससे बिल्कुल न लें। अगर माता-पिता साथ है, तो खाने या खेलने की चीजें ले सकते हैं लेकिन पैरेंट्स नहीं हैं तो ये चीजें न लें। 


5. बच्चों के साथ टाइम बिताएं कई बार पैरेंट्स इतने व्यस्त होते हैं कि अपने बच्चे की परेशानी उन्हें समझ नहीं आती है। कई बार बच्चे चाहकर भी माता-पिता से अपने दिल की बात या परेशानी नहीं बता पाते हैं। ऐसे में बच्चों के साथ टाइम बिताएं और उनके साथ बातें करें ताकि वह अपनी सारी बातें शेयर करें। सोने के समय उन्हें कोई कहानी सुनाने को कहें। ताकि वह अपने मन की बात कह और लिख सके।


6. लड़के-लड़कियों दोनों को सिखाएं: कई बार हमें लगता है। कि लड़कियों को ही बस गुड टच और बैड टच बताने की जरूरत है। अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो आपकी सोच बिल्कुल गलत है। आपको अपने बच्चे चाहे वह लड़का हो या लड़की उन्हें गुड या बैड टच के बारे में बताना चाहिए।


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