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गुरुवार, 31 अगस्त 2023

स्कूलों में नामांकन 1.45 लाख होना था, वर्तमान में 1.26 लाख, 13699 का नवप्रवेश, फिर भी 12036 छात्र कम



 स्कूलों में नामांकन 1.45 लाख होना था, वर्तमान में 1.26 लाख, 13699 का नवप्रवेश, फिर भी 12036 छात्र कम

शिक्षा विभाग द्वारा हर साल सत्र शुरू होने के साथ ही प्रवेशोत्सव कार्यक्रम का आगाज किया जाता है। जिसमें बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाने के लिए अभिभावकों को जागरुक किया जाता है। इसके लिए हर साल पिछले साल के मुकाबले 10 प्रतिशत नामांकन बढ़ाने का भी लक्ष्य दिया जाता है। जैसलमेर ने हर बार की तरह इस साल भी प्रवेशोत्सव का लक्ष्य पूरा कर लिया। लेकिन इसके बावजूद करीब 12 हजार बच्चों का नामांकन कम है। गौरतलब है कि पिछले साल सरकारी स्कूलों का नामांकन 1.32 लाख था। जिस पर इस साल शिक्षकों को जिले भर में 13 हजार 200 अनामांकित व ड्रॉपआउट बच्चों को प्रवेश देना था।


 शिक्षकों ने 13 हजार 699 विद्यार्थियों को प्रवेशोत्सव के दौरान प्रवेश भी करवा लिया। लेकिन इसके बावजूद जिले में नामांकित बच्चों का आंकड़ा बढ़ने की बजाय घट गया है। इससे स्पष्ट है। कि जिले में 12 हजार 36 विद्यार्थियों ने स्कूल छोड़ दी है। बताया जा रहा है कि इसमें अधिकांश बालिकाएं हैं। सरकारी आंकड़ों के हिसाब से इस साल जैसलमेर में स्कूलों का नामांकन 1.45 लाख होना था। लेकिन इस साल का नामांकन सिर्फ 1.26 लाख ही है। जबकि इसमें 13 हजार 699 विद्यार्थी, जिनका हाल ही में प्रवेशोत्सव के दौरान प्रवेश करवाया है। वे भी शामिल है ।


शिक्षा विभाग द्वारा पिछले साल के जिले के नामांकन में 10 प्रतिशत बढ़ोतरी कर प्रवेशोत्सव का लक्ष्य तय किया जाता है। जैसलमेर की 1319 स्कूलों में पिछले साल 1 लाख 32 हजार 488 का नामांकन था। इस हिसाब से इस साल 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी 13 हजार 248 की होनी थी। इस साल प्रवेशोत्सव के बाद स्कूलों का नामांकन 1 लाख 45 हजार 736 होना था। शिक्षकों ने 13 हजार 699 विद्यार्थियों को प्रवेशोत्सव के तहत स्कूलों में भर्ती करवा लिया। लेकिन कुल नामांकन जहां बढ़कर 1.45 लाख होना था। वर्तमान में वह सिर्फ 1 लाख 26 हजार 652 ही है। इस गणित में 18 हजार 548 विद्यार्थियों का फर्क आ रहा है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पिछले साल 12वीं के विद्यार्थी पास होकर कॉलेज में चले गए हैं। पिछले साल 12वीं में 6 हजार 512 विद्यार्थी थे तो इन 6512 विद्यार्थियों को इसमें से हटा भी दे तो भी 12 हजार विद्यार्थी कहां चले गए हैं। इसका जवाब किसी भी अधिकारी के पास नहीं हैं।


सिर्फ प्रवेशोत्सव का आंकड़ा पूरा, हकीकत में विद्यार्थी कम

शिक्षा विभाग द्वारा हर साल पिछले नामांकन में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर लक्ष्य निर्धारित कर दिया जाता है। इस साल भी 13 हजार 248 का लक्ष्य था। ऐसे में शिक्षकों ने 13 हजार 699 विद्यार्थियों का प्रवेश करवा लिया है। लक्ष्य प्राप्त होने पर शिक्षा विभाग के अधिकारी एक-दूसरे को शाबासी देते हुए नहीं थक रहे हैं। जबकि वास्तविकता में जिले भर में 12 हजार विद्यार्थियों के नामांकन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।


हर साल ड्रॉपआउट बच्चों की बढ़ रही हैं संख्या

शिक्षा विभाग द्वारा प्रवेशोत्सव के दौरान दो तरह के ही विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाता है। पहला अनामांकित, जिसने पहले कभी स्कूल में प्रवेश नहीं लिया और दूसरा ड्रॉपआउट, जिसने बीच में ही स्कूल छोड़ दी। शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत 5 से 14 साल तक के बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से वापस जोड़ा जाना है। लेकिन खुद के निर्धारित किए हुए लक्ष्य को पूरा करने के बाद शिक्षा के अधिकार अधिनियम की तरफ कोई ध्यान ही नहीं दे रहा है।


नामांकन की कमी को लेकर कारणों का पता लगाएंगे

पिछले साल प्रवेशोत्सव में में 10 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ इस साल 13 हजार 200 विद्यार्थियों को प्रवेश सुनिश्चित करने का लक्ष्य था। शिक्षकों द्वारा वह पूरा कर लिया गया है। इस साल 1.26 लाख का नामांकन है तो उसमें 12वीं कक्षा पास कर विद्यार्थी कॉलेज में चले गए हैं। -प्रेमाराम परिहार, कार्यक्रम अधिकारी, समसा नामांकन कम हुआ है लेकिन पता नहीं चल रहा है कि बच्चे गए कहां है। इस संबंध में आगामी दिनों में सभी सीबीईओ व शिक्षा अधिकारियों के साथ बैठक लेकर इस पर गहनता से चर्चा की जाएगी और वास्तविक कारण ढूंढ़े जाएंगे कि आखिर नामांकन कम कैसे हुआ। -नैणाराम जाणी, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, जैसलमेर

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