Breaking

Primary Ka Master Latest Updates | Education News | Employment News latter 👇

गुरुवार, 10 अगस्त 2023

कलेक्टर को रिपोर्ट में बताया- स्कूलों से हटी हाइटेंशन लाइन, हकीकत- 166 स्कूलों पर झूल रहे हाईवोल्टेज तार, खतरे में बच्चे



 कलेक्टर को रिपोर्ट में बताया- स्कूलों से हटी हाइटेंशन लाइन, हकीकत- 166 स्कूलों पर झूल रहे हाईवोल्टेज तार, खतरे में बच्चे

अलवर स्कूली बच्चों के ऊपर से लगातार बिजली की हाइटेंशन लाइनों का खतरा बना हुआ है और जिम्मेदार हर सोमवार सिर्फ बैठकों में ही चिंता जताकर छोड़ रहे हैं। मामला जिले में स्कूलों व उनके खेल मैदानों के ऊपर से गुजर रही बिजली की हाइटेंशन लाइनों का है। जिले में 166 स्कूल ऐसे हैं जिनके परिसर व खेल मैदान के ऊपर से ये बिजली की लाइनें गुजर रही हैं। ऐसे में इन स्कूलों में पढ़ रहे 10 हजार से अधिक बच्चों व स्टाफ का अधिकांश समय सिर्फ खुद की जान बचाने की चिंता में ही गुजर रहा है। ऐसा नहीं है कि कलेक्टर सहित जिले के तमाम अधिकारियों को इस बात की जानकारी नहीं है। प्रत्येक सोमवार को कलेक्टर की अध्यक्षता में होने वाली मीटिंग में इस पर चर्चा हो रही है, लेकिन लाइनें नहीं हट पा रही हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूलों से गुजर रही हाइटेंशन लाइनों के मामले में कलेक्टर को गलत रिपोर्ट भेजकर गुमराह करते रहे। करीब 4-5 महीने पहले भेजी रिपोर्ट में शिक्षा विभाग ने यह बताया कि उनके यहां करीब 119 स्कूलों के ऊपर से हाइटेंशन लाइनें गुजर रही हैं।


तत्कालीन कलेक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी की पहल पर इन लाइनों को शिफ्ट भी कर दिया गया था और विभाग के रिकॉर्ड में यह आंकड़ा शून्य हो गया था। इसके बाद दुबारा जब बारीकी से जांच की गई तो शिक्षा विभाग की कलई खुली और सामने आया कि अभी भी 166 स्कूलें ऐसी हैं जो हाइटेंशन के खतरे में बनी हुई हैं। ^पहले 119 स्कूलों के ऊपर से हाइटेंशन लाइन की रिपोर्ट हमें सीबीईओ से मिली थी जहां से सभी को शिफ्ट करवा दिया गया था। इसके बाद दुबारा अपडेट सूचना में 166 स्कूलें और मिली हैं। बिजली निगम का कहना है कि उनके द्वारा करीब 100 से ज्यादा स्कूलों से इन हाइटेंशन लाइनों को शिफ्ट कर दिया गया है। अपडेट डाटा फिलहाल हमें बिजली निगम से नहीं मिला है। -मनोज शर्मा, एडीपीसी, समग्र शिक्षा अभियान ^हमें जो 166 स्कूलों की सूची मिली थी उसमें से 15 में तो लाइन ही नहीं है। इसके अलावा 88 स्कूलों के ऊपर से लाइन हटाने की स्वीकृति दे दी गई थी जिसमें से 72 में काम पूरा हो चुका है। शेष में कुछ छोटे-छोटे काम करवाना बाकी हैं। -जे एल मीणा, एसई, जयपुर डिस्कॉम स्कूलों के ऊपर से गुजर रही 11 हजार व 33 हजार केवी की लाइनों को लेकर भास्कर ने विस्तार से पड़ताल की तो सामने आया कि 166 स्कूलों में से 75 से ज्यादा स्कूलें सीधे तौर पर डेंजर जोन में हैं। मतलब ये स्कूलें वो हैं जहां स्कूल भवन व परिसर के ऊपर से ही हाइटेंशन लाइन गुजर रही हैं। इनमें पढ़ने वाले बच्चों व पढ़ाने वाले टीचर्स पर सीधा खतरा है। इसके अलावा 64 स्कूलों में यह हाइटेंशन लाइन खेल मैदान के ऊपर से गुजर रही है।


करीब 32 स्कूलें ऐसी हैं जो विभाग की रिपोर्ट में बताई गई हैं कि विद्युत निगम द्वारा लाइनों को िशफ्ट नहीं किया गया है। तत्कालीन कलेक्टर ने पकड़ा था विभाग का झूंठ : तत्कालीन कलेक्टर डॉ. जितेंद्र सोनी को जब यह सूचना दी गई कि सभी 119 स्कूलों से बिजली की लाइनें हटा ली गई हैं तो उस समय वे किसी काम से रैणी क्षेत्र में गए। वहां एक स्कूल के ऊपर से गुजर रही लाइन का उन्होंने फोटो लिया और वीडियो भी बनाया। इसके बाद सीडीईओ को पाबंद किया कि दुबारा से सूचना लेकर अपडेट करें। अपडेट सूचना में यह सामने आया कि सीबीईओ ने सही सूचना जिला मुख्यालय पर भेजी ही नहीं। इसके बाद 166 स्कूलें और भी ऐसी निकलकर सामने आई जिनके ऊपर से हाइटेंशन लाइनें गुजर रही थी। बानसूर में 23, बहरोड़ में 05, उमरैण 03, राजगढ़ 07, थानागाजी 19, लक्ष्मणगढ़ 07, कठूमर 07, तिजारा 05, मुंडावर 32, कोटकासिम 09, रामगढ़ 17, गोविंदगढ़ 09, किशनगढ़बास 10, रैणी 09, मालाखेड़ा ब्लॉक में 04 स्कूलां पर हाइटेंशन का खतरा है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें