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बुधवार, 30 अगस्त 2023

स्कूलों के लिए खरीदी 400 हार्ड डिस्क, शिक्षक नहीं तो आईटीसी लैब व स्मार्ट टीवी से पढ़ेंगे बच्चे

 

स्कूलों के लिए खरीदी 400 हार्ड डिस्क, शिक्षक नहीं तो आईटीसी लैब व स्मार्ट टीवी से पढ़ेंगे बच्चे

हनुमानगढ़। शिक्षा विभाग के अधिकारी शाला संबलन के तहत सरकारी स्कूलों का निरीक्षण अब खुद की इच्छा से नहीं कर सकेंगे। अब शाला संबलन एप अधिकारियों को निरीक्षण के लिए स्कूल आवंटित करेगा। इस नवाचार से अब जिले की दूर-दराज एवं ढाणियों में संचालित स्कूलों का अधिकारी निरीक्षण करेंगे। इसी महीने से अधिकारियों को जयपुर से शाला संबलन एप के माध्यम से अधिकारियों को स्कूलों का आवंटन होगा। आवंटित स्कूलों का अधिकारियों को निरीक्षण करना होगा।


इस एप की विशेषता भी यह है कि जिस अधिकारी को स्कूलों का आवंटन किया गया है। उस स्कूलों में अधिकारी पहुंचने पर ही एप खुलेगा। दरअसल, शिक्षा में तकनीकी का प्रयोग निरंतर बढ़ रहा है। स्कूलों का अवलोकन के लिए कुछ वर्ष पूर्व अधिकारी एक निर्धारित प्रपत्र अपने साथ में रखते थे। इसके बाद अपनी पसंदीदा‌ स्कूलों में जाकर निरीक्षण कर लक्ष्य पूर्ण कर देते थे, लेकिन अब स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों के अवलोकन के लिए अधिकारियों की ओर से शाला संबलन एप डाउनलोड करके उसके माध्यम से अवलोकन किया जाएगा।


जयपुर से अलॉट होंगे स्कूल, एजेंसी के पास होगा डाटा कि किस अधिकारी ने कहां निरीक्षण किया शाला संबलन एप के अपडेट से अधिकारियों को स्कूल जयपुर से अलॉट हो रहे हैं। निरीक्षण होने पर डेटा सेंट्रल एजेंसी में जमा होता है। ऐसे में विभाग को यह पता चल जाता है कि किस अधिकारी ने किस माह में व कौनसे स्कूलों का निरीक्षण किया है। बता दें कि एप की ओर से जिले के साथ प्रदेश की सरकारी स्कूलों का हर महीने निरीक्षण का लक्ष्य दिया जाता है। इसमें विभाग में पदस्थापित संदर्भ व्यक्ति से लेकर सीबीईओ, कार्यक्रम अधिकारी, एपीसी, एडीईओ, जिला शिक्षा अधिकारी, सीडीईओ को स्कूल निरीक्षण करना होता है।


जीपीएस से कनेक्टेड रहेगी एप, अवलोकन के दिन जानकारी अपलोड होगी

शाला संबलन एप के जरिए स्कूलों का निरीक्षण करने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर पदस्थापित पदेन प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी (पीईईओ) से लेकर संयुक्त निदेशक स्तर के सभी जिला एवं ब्लॉक स्तर के अधिकारियों को निरीक्षण करना होगा। स्कूलों में जिस दिन निरीक्षण करने के लिए पहुंचेंगे उसी समय हाथों हाथ एप पर निरीक्षण से संबंधित जानकारी भी अपलोड करनी होती है। बता दें कि एप जीपीएस टेक्नोलॉजी पर काम करेगी और अधिकारी जब स्कूल की लोकेशन के पास होगा तभी एप खुलेगा और निरीक्षण प्रोसेस को पूरा करना होगा।


जिले भर में 1 हजार से अधिक सरकारी स्कूल, लक्ष्य तय

शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले भर में 1 हजार से अधिक सरकारी स्कूल हैं। इन स्कूलों में आरपी व पीईईओ को 10-10 स्कूलों का निरीक्षण करना होगा। इसी तरह एसीबीईओ, सीबीईओ, एडीईओ, सहायक निदेशक, जिला शिक्षा अधिकारी, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी को 8-8 स्कूलों का निरीक्षण, एक अधिकारी को केवल एक ब्लॉक की ही 8 से 10 स्कूलों का निरीक्षण करना होगा। स्कूल आवंटन होने के बाद स्कूल में पहुंचने पर ही शाला संबलन एप खुलेगा।


डीईओ बोले- नवाचार की वजह से निरीक्षण का सारा प्रोसेस बेहतर होगा

शिक्षा विभाग द्वारा किए गए इस नवाचार की वजह से निरीक्षण प्रोसेस बेहतर हो सकेगी। सारा काम ऑनलाइन है। महीने की शुरुआत में ही अधिकारी को स्कूलों की लिस्ट मिल जाएगी। इस लिस्ट के हिसाब से ही स्कूलों का निरीक्षण इसी एक माह में पूरा कर जानकारी एप पर अपलोड करनी होगी। - हंसराज जाजेवाल, डीईओ, हनुमानगढ़।

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