शिक्षक सम्मान के लिए अब 5 साल शिक्षण कार्य किया 29 दिन पहले बदले नियम, 60 हजार शिक्षक सम्मान की दौड़ से बाहर
शिक्षक सम्मान समारोह से 29 दिन (5 सितंबर) पहले, शिक्षक सम्मान-2023 की गाइडलाइन जारी की है। इसमें शिक्षण कार्य के अनुभव की शर्त को बदल दिया गया है। पहले 3 साल तक शिक्षण कार्य का अनुभव रखने वाले आवेदक आवेदन कर सकते थे, लेकिन इस बार इसको बदलकर 5 साल कर दिया गया है। अनुभव की गणना 30 जून 2023 के आधार पर होगी।
अब वर्ष 2018 की अधिकांश भर्तियों में चयनित शिक्षकों को वर्ष 2019 में पोस्टिंग मिली थी। उनका सेवाकाल अभी 4 साल का ही है। ऐसे में, वर्ष 2018 की भर्तियों में चयनित लगभग 60,000 शिक्षक सम्मान पाने की दौड़ से बाहर हो गए हैं, क्योंकि वे अब आवेदन ही नहीं कर पाएंगे। सम्मान के लिए आवेदन शाला दर्पण पोर्टल के माध्यम से 15 अगस्त तक ऑनलाइन किया जा सकता है। आवेदन के मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से 23 अगस्त को प्रत्येक कक्षा वर्ग के उच्चतम वरिष्ठता प्राप्त 3-3 प्रस्तावों की हार्डकॉपी निदेशालय को भेजी जाएगी। उच्चतम वरिष्ठता का निर्धारण 100 अंकों की अंकविन्यास में प्राप्त अंकों के आधार पर होगा।
पहले तीन साल का शिक्षण कार्य जरुरी था, अब 5 साल
यह है 100 अंकों की कार्य योजना, जिसके आधार पर होगा चयन; शैक्षिक रिकॉर्ड के 5 अंक, 5 साल के परीक्षा परिणाम के 60, कार्य मूल्यांकन के 5, जनसहयोग के 10, प्रकाशन-कार्य-वार्ता-प्रतियोगिताओं के 5, राष्ट्रीय कार्यक्रम में योगदान के 5, और ग्राउंड एसेसमेंट के अधिकतम 10 अंक निर्धारित किए गए हैं।
5100 ब्लॉक स्तर
11000 जिला स्तर
21000 राज्य स्तर
पुरस्कार के रूप में प्रदान किए जाएंगे।
3 केटेगरी पहली से पांचवीं, छठी से आठवीं और नवीं से बारहवीं रखी है।
99 राज्यस्तर, 99 जिला और 1074 ब्लॉक स्तर पर।
1272 कुल शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा
3 केटेगरियों में मिलेगा सम्मान
आवेदन की गाइडलाइन जारी
नियमों में अचानक बदलाव गलत है। 5 साल के अनुभव की शर्त से 60,000 से अधिक शिक्षक दौड़ से बाहर हो गए हैं। 3 साल का अनुभव रखने वाले कई शिक्षक आवेदन की तैयारी कर रहे थे। विपिन प्रकाश शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ
पहले आवेदन के लिए एक माह का समय दिया जाता था। इस बार एक सप्ताह का ही दिया गया है, जो कम है। इसको बढ़ाया जाए। साथ ही सम्मान मंच पर किया जाए, न कि सम्मान पहले ही देकर फोटो खिंचवाई जाए। रामेश्वर प्रसाद शर्मा, महासचिव, पुरस्कृत शिक्षक फोरम राजस्थान
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