Breaking

Primary Ka Master Latest Updates | Education News | Employment News latter 👇

बुधवार, 23 अगस्त 2023

बोर्ड रिजल्ट गिरा, 50 स्कूलों को नोटिस, 14 में 90% पद खाली, जिम्मा थर्ड ग्रेड शिक्षकों पर



 बोर्ड रिजल्ट गिरा, 50 स्कूलों को नोटिस, 14 में 90% पद खाली, जिम्मा थर्ड ग्रेड शिक्षकों पर

आदिवासी इलाकों में पर्याप्त वरिष्ठ शिक्षक लगाने में नाकाम शिक्षा विभाग बोर्ड परीक्षाओं में कमजोर रिजल्ट पर ग्रेड थर्ड शिक्षकों को जिम्मेदार मान रहा है। बीते सत्र में विभाग ने जिले में ऐसे 50 संस्था प्रधानों को नोटिस दिए। दैनिक भास्कर ने नजर डाली तो हैरान करने वाले हालात सामने आए। इन 50 में से 14 स्कूल तो ऐसे हैं, जिनमें सीनियर शिक्षकों के कहीं 86 तो कहीं 90 प्रतिशत से ज्यादा पद खाली हैं। इनमें जोगीवड़, खजूरी, बुढ़िया, कोटड़ा, लसाड़िया, कड़ेच, सरिया फला, बागावत, उमरिया, सिवड़िया, रामज, घाटी, धाला और मांडवा के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय शामिल हैं।स्थिति ये है कि साथ देने वाला कोई नहीं होने से यही तृतीय श्रेणी शिक्षक पीईईओ और प्रिंसिपल की भूमिका भी निभा रहे हैं। नोटिस पाने वाले एक शिक्षक ने कहा- दुख ये है कि सारा सच जानते हुए भी विभाग हमें समझ नहीं पा रहा।


योग्यता के अनुसार हमें नियुक्त ही पांचवीं कक्षा तक पढ़ाने के लिए किया गया था। अब 12वीं तक की कक्षाएं संभालने के बावजूद रिजल्ट के लिए नोटिस जारी किए हैं। दूसरी बड़ी हकीकत ये भी है कि इन स्कूलों में से किसी के पास पर्याप्त कमरे तो कहीं भवन का ही अता-पता नहीं नहीं है। बता दें, हाल ही विभाग ने बोर्ड परीक्षाओं में 50 प्रतिशत रिजल्ट वाले स्कूलों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।


जिले में 4738 स्कूल : उदयपुर जिले में कुल 4 हजार 738 स्कूल हैं। इनमें से 801 उच्च माध्यमिक विद्यालय, 3848 उच्च प्राथमिक व प्राथमिक और 89 इंग्लिश मीडियम स्कूल शामिल हैं। इनमें से ग्रामीणों क्षेत्र के ज्यादातर स्कूल शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं।


खाली पदों को जल्द ही भरा जाएगा : डीईओ

माध्यमिक शिक्षा की जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) आशा मंडावत का कहना है कि कम परिणाम लाने वाले स्कूलों को नोटिस दिया है, लेकिन ये किसी भी तरह से सजा नहीं है। इसका स्पष्टीकरण दे दें। जहां तक स्कूलों में रिक्त पद भरने का सवाल है तो इसके लिए निदेशालय को लिखा जा चुका है। इस मामले में उच्च स्तर पर कार्रवाई भी की जा रही हैं। जल्द ही पद भरे जाएंगे।


उमरिया : 16 की जगह 1 शिक्षक, स्कूल भी गोदाम में

322 बच्चों वाला राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, उमरिया (कोटड़ा) अनाज भंडार में संचालित है। क्योंकि विद्यालय भवन नहीं है। शिक्षकों के पद 16 स्वीकृत हैं। काम एकमात्र तृतीय श्रेणी शिक्षक कर रहा है। वही प्रिंसिपल भी है और पीईईओ भी। इसी विद्यालय के अधीन 5 अन्य विद्यालय हैं। स्कूल का रिजल्ट 40 प्रतिशत रहा था।


बागावत : 512 बच्चे, 2 टीचर, मांगें भी अनसुनी

राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, बागावत में 512 विद्यार्थियों पर 2 शिक्षक हैं। एक तृतीय श्रेणी और दूसरा पीटीआई। जबकि 16 पद स्वीकृत हैं। क्षेत्र के लोगों ने कई बार शिक्षक लगाने की मांग की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। रिजल्ट 46% रहा है। लोगों को चुनावी साल में व्यवस्था सुधरने की उम्मीद है।


बेड़ाधर : पद 15, शिक्षक दो, वे भी प्रतिनियुक्त पर

राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, बेड़ाधर यहां एक भी शिक्षक स्थायी नहीं है। दूसरे स्कूल से दो तृतीय श्रेणी शिक्षक प्रतिनियुक्त हैं। जबकि स्वीकृत पद 15 हैं। प्रतिनियुक्ति वाले शिक्षकों ने 47 प्रतिशत रिजल्ट दिया है। 3 पंचायत सहायक कागजी कार्रवाई में व्यस्त रहते हैं, क्योंकि यही पीईईओ हेड क्वार्टर भी है। इनका भी सहयोग नहीं मिल पाता।


बुढ़िया : 19 पद, 2 उपलब्ध, इनमें भी 1 पीटीआई

550 विद्यार्थियों वाले राउमावि, बुढ़िया-मामेर में स्वीकृत 19 पदों पर महज दो शिक्षक उपलब्ध हैं। इनमें भी एक पीटीआई है। इस विद्यालय के अधीन 3 और विद्यालय है। पीईईओ का चार्ज भी पीटीआई के पास है। इसे भी नोटिस जारी हुआ है। जबकि 12वीं का रिजल्ट 82 प्रतिशत और 10वीं का 47 प्रतिशत है।


सेकंड ग्रेड के सबसे ज्यादा 1934 पद रिक्त

पद स्वीकृत कार्यरत खाली

प्रिंसिपल 857, 421, 436

व्याख्याता 2703, 1513, 1190

सेकंड ग्रेड 4289, 2355 ,1934

थर्ड ग्रेड लेवल-2 2687, 1570, 1117

थर्ड ग्रेड लेवल-1 2373, 1691 ,682


पूर्व संयुक्त निदेशक बोले- नोटिस देना गलत, ये तो शाबासी के पात्र

पूर्व संयुक्त निदेशक गणेशलाल निनामा कहते हैं कि पर्याप्त शिक्षक नहीं होने और ज्यादा बच्चों वाले स्कूल संचालित कर रहे तृतीय श्रेणी व अन्य शिक्षकों को रिजल्ट के नाम पर नोटिस देना गलत है। ये तो शाबासी के पात्र और सही मायने में पुरस्कृत होने के काबिल हैं। शहर के कई स्कूलों में जरूरत से ज्यादा शिक्षक लगे हैं। विभाग को चाहिए कि इन्हें गांवों में लगाए। इससे उन स्कूलों में सुधार होगा।


गिनती के शिक्षक, वे जमकर मेहनत कर रहे, नोटिस देना प्रताड़ना : चौहान

शिक्षक एवं पंचायती राज कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष शेर सिंह चौहान का कहना है कि दुर्गम व दूरस्थ क्षेत्रों के स्कूलों में अधिकतर पद रिक्त हैं। इनमें गिनती के जो शिक्षक लगे हैं, वे दिन-रात मेहनत करते हैं। उन्हें नोटिस देकर मानसिक रूप से परेशान करना उचित नहीं है। विद्यालयों में संसाधनों के साथ सभी पद भरने चाहिए। अलग से ग्रामीण भत्ते का प्रावधान भी करना चाहिए।


5वीं के शिक्षक पीईईओ व प्रिंसिपल की भूमिका में भी

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें