एस.बी. सिविल याचिका संख्या 5781/2023 श्री कमल कुमार शर्मा बनाम राजस्थान राज्य एवं अन्य में माननीय न्यायलय द्वारा पारित निर्णय आदेश
बनाम राजस्थान राज्य एवं अन्य में माननीय न्यायालय द्वारा पारित निर्णय दिनांक 10.05.2023 द्वारा याचिकार्थी श्री कमल कुमार शर्मा को प्रत्यर्थी विभाग के सक्षम अधिकारी के समक्ष अपना अभ्यावेदन पेश करने एवं प्रत्यर्थी विभाग द्वारा याचिकार्थी का अभ्यावेदन प्राप्त होने की स्थिति में उसे एक सकारण अख्यात्मक आदेश (REASONED SPEAKING ORDER) प्रसारित करते हुए निस्तारित किये जाने सम्बन्धी निर्देश प्रदान किये गए।
माननीय न्यायालय के उक्त निर्णय के अनुसरण में याचिकार्थी द्वारा अभ्यावेदन प्रस्तुत कर अभि किया गया है कि उपप्राचार्य एवं समकक्ष पदों पर पदस्थापन हेतु आयोजित की जाने वाली काउंसलिंग प्रक्रिया हेतु जारी अस्थाई वरीयता सूची में उन्हे विशेष श्रेणी में सम्मिलित नहीं किया गया है, जबकि याचिकार्थी हृदय रोग से पीडित है एवं उनके हृदय में पेसमेकर प्रतिस्थापित किया गया है। अतः याचिकार्थी द्वारा स्वयं को स्थाई वरीयता सूची में विशेष श्रेणी संख्या 02 ( असाध्य रोग से पीडित) में शामिल किये जाने की मांग की गई है।
याचिकाार्थी के अभ्यावेदन का राज्य सरकार एवं विभाग के दिशा-निर्देशों / नियमों / परिपत्रों के परिप्रेक्ष्य में परीक्षण किया गया एवं उनसे सम्बन्धित अभिलेखों का अवलोकन किया गया। विभागीय पदोन्नति समिति द्वारा उपप्राचार्य समकक्ष पदो की वर्ष 2022-23 की नियमित डीपीसी उपरान्त 9998 कार्मिकों का चयन किया गया था। उक्त कार्मिकों के पदस्थापन आदेश जारी करने से पूर्व ऑनलाईन काउंसलिंग प्रक्रिया की वरीयता निर्धारण हेतु इस कार्यालय के आदेश क्रमांक शिविरा / माध्य / संस्था / बी 1- बी2 / 450013 20230 द्वारा विशेष वर्ग की सूचना काही गई थी, जैसे- पदस्थापन/ पोसिल) क्रम संख्या 02 पर (असाध्य रोग से पीडित) कार्मिकों में कैंसर, गुर्दा प्रत्यारोपण एवं हृदय शल्य चिकित्सा (हार्ट बायपास सर्जरी) से संबंधित कार्मिकों को रखा गया था। याचिकार्थी के अभ्यावेदन के परीक्षणोंपरान्त प्राप्त सूचना के आधार पर निर्धारित कमेटी द्वारा जांचोपरान्त पाया गया कि याचिकार्थी की बायपास सर्जरी नही हुई है, इसलिए इन्हें अस्थाई वरीयता सूची में विशेष श्रेणी के क्रम संख्या 02 ( असाध्य रोग से पीडित) में सम्मिलित किया जाना संभव नहीं है। तद्नुसार याचिकार्थी द्वारा की गई मांग स्वीकार योग्य नही होने के कारण इनका अभ्यावेदन एतद द्वारा खारिज किया जाकर निस्तारित किया जाता है। सभी पक्षकार सूचित हों।
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