6 दिन में 6 आदेश, प्रदेश में 401 स्कूल अंग्रेजी में बदले, उदयपुर में 11, लेकिन न किताबें मिल रही - न ही संसाधन
टॉप 5 जिलों में जोधपुर सबसे आगे
जोधपुर 192
अलवर 175
भरतपुर 151
नागौर 148
बीकानेर 142
इनमें सबसे कम
प्रतापगढ़ 22
झालावाड़ 26
जैसलमेर 33
बूंदी 35
सिरोही 42
तीन स्कूल निरस्त : विभाग ने अलग से आदेश जारी कर डूंगरपुर व अलवर के तीन स्कूलों को अंग्रेजी मीडियम में बदला था। लेकिन कुछ दिन बाद निरस्त भी कर दिया। बताया जा रहा है कि इनमें सुविधाओं का अभाव, बच्चों की कम संख्या जैसे कारणों से इन स्कूलों का आदेश विड्रॉ किया गया। फिलहाल अजमेर में 103, बांसवाड़ा 41, बारां 53, बाड़मेर 106, भीलवाड़ा 92, चित्तौड़गढ़ 68, चूरू 106, दौसा 79, धौलपुर 54, डूंगरपुर 60, श्रीगंगानगर 75, हनुमानगढ़ 112, जालोर 74, झुंझुनूं 87, कोटा 44, करौली 66, पाली 63, राजसमंद 67, सवाई माधोपुर 52, सीकर 167, टोंक में 60 स्कूल हैं।
बजट में चुनाव से पहले तक 3000 अंग्रेजी स्कूल खोलने की घोषणा थी। यह लक्ष्य पूरा हो चुका, लेकिन आचार संहिता लगने में कुछ समय बाकी है। ऐसे में 100 से अधिक स्कूल और खोलने की संभावना है। स्कूलें खोलने की यह गति पिछले सत्र से 26 प्रतिशत तक अधिक है। बता दें, गत 19 अगस्त को 22 जबकि 24 को एक और 25 अगस्त को 5 आदेशों में 379 स्कूलों के आदेश जारी हुए थे।
पुराने स्कूलों पर ही अंग्रेजी माध्यम का लिहाफ ओढ़ाने पर शिक्षक नेताओं ने एतराज उठाया है। शिक्षक एवं पंचायतीराज शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष शेर सिंह चौहान का कहना है कि सिर्फ दर्जा बदलने से शैक्षणिक व्यवस्थाएं मजबूत नहीं होंगी। इस स्तर के साधन-संसाधन देने होंगे। तभी गुणवत्ता युक्त शिक्षा की सोच धरातल पर दिखेगी।
10-15 स्कूल और बढ़ेंगे : संयुक्त निदेशक
महात्मा गांधी अंग्रेजी विद्यालय के संयुक्त निदेशक पुष्पेंद्र शर्मा का कहना है कि उदयपुर में अभी ऐसे 124 स्कूल है। साथ ही कुछ विद्यालयों के प्रस्ताव भी भेज रखे हैं। इसलिए संभावना है कि आने वाले समय में कम से कम 10 से 15 ओर खुलेंगे।
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