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सोमवार, 21 अगस्त 2023

सबसे बड़ा पदस्थापन; 63,760 शिक्षकों नियुक्ति की तैयारी, अटकी डीपीसी हो तो 15 हजार व्याख्याता मिले



 सबसे बड़ा पदस्थापन; 63,760 शिक्षकों नियुक्ति की तैयारी, अटकी डीपीसी हो तो 15 हजार व्याख्याता मिले

सैकंड ग्रेड की डीपीसी का इंतजार यूजी पीजी में विषयों में उलझी सैकंड ग्रेड का प्रमोशन : 2020-21 से पेंडिंग

शिक्षा विभाग में अब तक का सबसे बड़ा पदस्थापन होने जा रहा है। स्कूलों में रिक्त पदों के लिए फर्स्ट ग्रेड, सैकंड ग्रेड व थर्ड ग्रेड के 65 हजार 760. शिक्षकों को जल्द नियुक्ति मिलने वाली है, जो कि एक रिकॉर्ड होगा। इन नव चयनित शिक्षकों को नियुक्ति देने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इधर, शिक्षा विभाग में बड़ी अड़चन डीपीसी की है। समय पर डीपीसी हो तो 15 हजार व्याख्याता और मिल जाएंगे। साथ ही थर्ड ग्रेड से सैकंड की डीपीसी होने से स्कूलों में पद भर जाएंगे।


शिक्षा विभाग में नियमों के अड़चनों से डीपीसी अटक रही है। सैकंड ग्रेड शिक्षकों की डीपीसी नहीं होने से स्कूलों को व्याख्याता नहीं मिल पा रहे हैं। बच्चों की पढ़ाई में अड़चन आ रही है। डीपीसी अटकने के बड़ा कारण डीपीसी को लेकर बनाए नए नियम हैं। सैकंड ग्रेड शिक्षकों के यूजी व पीजी में विषयों के चयन को लेकर ही डीपीसी का मापदंड तय किया है। इनके चलते तीन साल से डीपीसी नहीं हो रही है। हालांकि शिक्षक नेता बताते हैं 2021-22 कोरोना के चलते डीपीसी नहीं हुई। 2022-23 व 2023-24 की डीपीसी का इंतजार है। 


2021 में डीपीसी के नए नियम आए। इसमें सैकंड ग्रेड से फर्स्ट ग्रेड में प्रमोशन के लिए स्नातक में जो विषय में था, उसमें पीजी जरूरी है। ऐसे में बहुत सारे शिक्षकों की समस्या है कि यह नियम लागू होने से पहले उन्होंने अन्य विषयों में पीजी कर रखी है। गौरतलब है कि शिक्षक पदाधिकारी मांग कर रहे हैं कि नियम बनने से पहले जिनने पीजी कर ली। उनको छूट देते हुए पुराने नियमों से डीपीसी हो। इससे कई शिक्षकों को व्याख्याता बनने का अवसर मिलेगा।


डीपीसी नहीं होने का असर, स्कूलों में व्याख्याता नहीं, प्रति वर्ष 5 हजार की डीपीसी


प्रति वर्ष 5 हजार सैकंड ग्रेड की डीपीसी हो तो भी 15 हजार शिक्षकों को व्याख्याता बनने का अवसर मिल सकता है। ऐसे में स्कूलों में 15 हजार पद भरने के साथ-साथ सैकंड ग्रेड की नई भर्ती संभव हो सकती है।


नव क्रमोन्नत स्कूलों में वित्तीय स्वीकृति 5 हजार स्कूलों को सरकार ने क्रमोन्नत किया है। इनमें व्याख्याताओं के पदों का सृजन कर दिया। वित्तीय स्वीकृति जारी नहीं हुई। प्रति स्कूल 3 व्याख्याता के पदों का सृजन किया है


वॉइस प्रिंसिपल की डीपीसी रिक्त हुए 10 हजार व्याख्याता पद हाल ही 10 हजार व्याख्याताओं की वॉइस प्रिंसिपल पदों पर पदोन्नति होने से व्याख्याताओं के रिक्त पदों की संख्या बढ़ गई है। प्रतिवर्ष 1 अप्रैल के आधार पर विभागीय डीपीसी की जाती है। पिछले तीन सत्र 2021-22, 2022-23 व 2023-24 की डीपीसी बकाया होने से 15000 वरिष्ठ अध्यापकों की व्याख्याता पदों पर पदोन्नति नहीं हो पा रही है।


यूं समझे पद, वित्तीय स्वीकृति और पदोन्नति की ऐसी रहेगी प्रक्रिया

व्याख्याता के 17 हजार पद रिक्त हैं। 10 हजार व्याख्याता की वाइस प्रिंसिपल पद पर पदोन्नति हो गई। नव क्रमोन्नत स्कूलों में व्याख्याता पद स्वीकृत हैं, लेकिन वित्तीय स्वीकृति नहीं है। 30 हजार पद रिक्त हैं।  राजस्थान में वरिष्ठ अध्यापक के माध्यमिक शिक्षा में 15 हजार व प्रारंभिक में 8 हजार पद रिक्त हैं। वरिष्ठ अध्यापकों की व्याख्याता पद पर पदोन्नति होने से पद रिक्त होंगे। ऐसे में 3 साल से डीपीसी से बंचित अध्यापकों के पदोन्नति के अवसर ।  वित्तीय नुकसान कर्मचारियों को होता है। काल्पनिक लाभ डीपीसी तिथि से मिलता है। डीपीसी में वास्तविक वित्तीय लाभ कार्यग्रहण तिथि से देय होता है। डीपीसी होने से वास्तविक लाभ में तीन साल का घाटा होता है।


सरकार ऐसे प्रकरणों में शीघ्र निर्णय लेकर व न्यायालय के मामलों में जल्दी सुनवाई के लिए ठोस पैरवी करे व कोई रास्ता निकालकर डीपीसी करे तो अध्यापक वरिष्ठ अध्यापक, व्याख्याताओं को भी फायदा मिलेगा। कल्याणसिंह टेवाली, शिक्षक नेता


48 हजार शिक्षकों के पदस्थापन को लेकर जल्द प्रक्रिया शुरू करेंगे। साथ ही फर्स्ट ग्रेड व सैकंड के साथ पीटीआई के भी पदस्थापन कर स्कूलों में भेजेंगे। अटकी डीपीसी भी जल्द करने का प्रयास कर रहे हैं। कानाराम, निदेशक, शिक्षा विभाग




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