समय पर कमियों में नहीं किया सुधार, 6 हजार विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति पर संकट
अलवर. सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग की ओर से अनुसूचित जाति वर्ग को दी जाने वाली उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। शिक्षण संस्थानों व विद्यार्थियों की ओर से छात्रवृत्ति के दस्तावेजों की समय पर पूर्ति नहीं कर पाने के कारण जिले के छह हजार विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति अटक सकती है। छात्रवृत्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होता है।
इधर, शिक्षण संस्थानों ने भी समय पर छात्रवृत्ति में आई त्रुटियों में सुधार नहीं करवाया है और आवेदन अपने स्तर पर रोक लिए विभाग तक पहुंचाए ही नहीं। ज्यादातर ने खातों में मोबाइल नंबर दर्ज नहीं किए। जनाधार को खातों से लिंक नहीं करने, बैंक खाते तथा गलत पता दर्ज करने के चलते छात्रवृत्ति अटक गई है। अनुसूचित जन जाति के विद्यार्थियों के खातों में भी स्कॉलरशिप नहीं आई है। विभागीय कार्यालय में चक्कर काट रहे हैं।
पिछले साल में 64 हजार से ज्यादा को हुआ भुगतान : विभाग की ओर से पिछले साल अनुसूचित जाति उत्तर मैट्िक योजना के तहत 64 हजार 699 विद्यार्थियों को 58 करोड 13 लाख 82 हजार 857 रुपए का भुगतान किया गया था। विभाग की ओर से अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, मुख्यमंत्री सर्वजन उच्च शिक्षा छात्रवृत्ति योजना, विशेष पिछड़ा वर्ग श्रेणियों में पिछले चार साल में कुल 1 लाख 39 हजार से ज्यादा आवेदकों को 144 करोड 29 लाख से ज्यादा का भुगतान किया जा चुका है।
केस - 2
मैं बीएड कर रही हूं। परिजनों ने उधार राशि लेकर मुझे बीएड के लिए आवेदन करवाया था। निजी कॉलेज में नंबर आया है, लेकिन छात्रवृत्ति नहीं आई है। जनाधार में अपडेट करवाया था, लेकिन आईडी पर अपडेट नहीं हो रहा है।-अंकिता मीणा, मालाखेड़ा
केस - 3
मेरी आर्थिक स्थिति खराब है। ब्याज पर पैसे लेकर बीएड की फीस भरी थी। यह सोचकर की छात्रवृत्ति आएगी तो दे दें, लेकिन छात्रवृत्ति नहीं आ रही है। -नीतू मीणा, शाहजहांपुर
मैं निजी कॉलेज से बीएड कर रही हूं। बीएड के दौरान छात्रवृत्ति लेने के लिए आवेदन किया था, एक साल बीत चुका है लेकिन अभी तक खाते में राशि नहीं आई है। दस्तावेजों की पूर्ति भी समय पर करवा दी है। आगे की पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति की जरूरत है।- गायत्री मीणा, अलवर शहर
फैक्ट फाइल
अनुसूचित जाति वर्ग के शैक्षणिक सत्र 2022-23 के संस्थान स्तर पर कुल 739 तथा विद्यार्थी स्तर पर 5173 आवेदन लंबित पडे हुए हैं। इससे पहले सन 2021-22 के संस्थान लेवल स्तर पर 17 एवं विद्यार्थी स्तर पर 203 आवेदन लंबित पडे़ हुए हैं। जिसकी वजह से इनका छात्रवृत्ति का भुगतान अटक गया है।सरकारी व निजी शिक्षण संस्थानों और विद्यार्थियों को बार-बार सूचित करके दस्तावेजों में पूर्ति करवाई जा रही है। यदि मुख्यालय से छात्रवृत्ति रुक जाती है तो इसके लिए ये स्वयं जिम्मेदार होंगे। कुछ शिक्षण संस्थानों व विद्यार्थियों ने पहल करते हुए आवेदन जमा करवाए हैं।-रविकांत, सहायक निदेशक, सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग
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