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बुधवार, 23 अगस्त 2023

अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में समस्याओं का अंबार, भौतिक सुविधाओं के लिए बजट की दरकार


 अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में समस्याओं का अंबार, भौतिक सुविधाओं के लिए बजट की दरकार

चीखली. जिले के चीखली में राजकीय उच्च माध्यमिक बालिका विद्यालय को मर्ज कर महात्मा गांधी अंगे्रजी माध्यम विद्यालय स्वीकृत तो कर दिया। परंतु भवन नहीं होने से वैकिल्पक व्यवस्था कर पिछले तीन वर्षों से विद्यालय संचालित कराया जा रहा हैं। सरकार ने विद्यालय की घोषणा कर इतिश्री कर ली। लेकिन सुविधाओं के लिए बजट की घोषणा तक नहीं की। हाल ही में नाबार्ड योजना में दो स्वीकृत हुए हैं। हालांकि इससे राहत फिलहाल नहीं होनी हैं।


दो स्कूल कक्षा-कक्ष

चीखली का महात्मा गांधी विद्यालय जो वर्ष 2020 में बालिका से मर्ज हुआ, अंग्रेजी माध्यम विद्यालय तो बना। परंतु तीन वर्ष बाद भी स्वयं के कक्षा-कक्षों में न चल अन्यत्र सरकारी स्कूल के कमरों में संचालित हो रहा हैं। विद्यालय के पास स्थित राउमावि चीखली के कक्षा-कक्षों में कक्षा छह से नवमीं तक के बच्चों को वहां पर अध्ययन कराया जा रहा हैं। वहीं कक्षा एक से पांचवीं तक के कक्षा-कक्ष स्वयं के कमरों में चलाए जा रहे हैं।


कस्बे के इस विद्यालय का भवन 40 वर्ष से भी अधिक पुराना हैं। तीन वर्ष पूर्व एक कमरें की छत पूरी तरह धराशाही हो चुकी थी। बावजूद इसके यह विद्यालय अंग्रेजी माध्यम के लिए चयनित करना ही सवालिया निशान खड़े कर रहा हैं। हालांकि सरकार एवं विभाग की निर्देश की पालना करते हुए यहां वर्ष 2020 में महात्मा गांधी अंग्रेजी विद्यालय संचालित हुआ और बच्चों की लॉटरी एवं प्रवेश भी कर दिए गए। परंतु अब बच्चों को बिठाने के लिए पर्याप्त कमरें नहीं हैं।


यह हैं पदों की स्थिति

महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम में कुल 26 पद स्वीकृत हैं। इसमें से 7 पद रिक्त हैं। प्रधानाचार्य, प्रशासनिक ग्रेड 3 में एक यूडीसी, चतुर्थ कर्मचारी में तीन पद लंबे समय से रिक्त पड़े हैं। क्षेत्र के भामाशाहों ने तीन कमरों के निर्माण कराने का जिम्मा उठाया है। वर्तमान में तीन कमरों का कार्य चल रहा हैं।


इनका कहना....

विद्यालय में प्रधानाचार्य का पद रिक्त हैं। भवन का अभाव हैं। कक्षा-कक्षों की कमी के चलते परेशानी उठानी पड़ रही हैं। वर्तमान में सीनियर स्कूल के कक्षा-कक्षों में छह से नवमी बच्चों को को पढ़ाया जा रहा हैं। दो कमरे नबार्ड योजना में बने हैं और दो कमरों की स्वीकृति आई है। बजट आने के बाद ही व्यवस्था अच्छी तरह से संचालित हो पाएगी। फिलहाल हमारी ओर से वैकल्पिक व्यवस्थाएं कर विद्यालय सुचारू रूप से चलाया जा रहा हैं।


लोकेश दर्जी कार्यवाहन संस्थाप्रधान,एमजी विद्यालय चीखली


मुख्य द्वार पर जमा रहता हैं पानी

स्कूल की भौगोलिक स्थिति भी सुदृढ नहीं है। पूरे स्कूल परिसर में बड़ी-बड़ी घास उग चुकी हैं। दूसरी ओर मुख्य द्वार पर बारिश के दिनों में पानी का जमावड़ा रहता हैं। पूर्व में बने दो कमरों की ऊंचाई कम होने से पूरे मैदान का नए सिरे कार्य कराना अनिवार्य हो गया हैं। तब जाकर मुख्य द्वार और मैदान सही हो पाएगा।प्रार्थना कराने के लिए भी जगह उपलब्ध नहीं थी। एक वर्ष पूर्व स्कूल में बच्चों के प्रवेश से मिलने वाली सहायता राशि से बच्चों की प्रार्थना सभा कराने के लिए कार्यालय के बाहर ही टिनशेड़ लगवाया। जहां पर प्रार्थना सभा व अन्य कार्यक्रम कराने की मजबूरी बनी हुई हैं।

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