नए जिलों के गठन से बदला भर्तियों का गणित
सीकर. प्रदेश में नए जिले व संभाग बनने से भर्तियों का गणित भी बदलना भी तय है। प्रदेश में शिक्षा विभाग सहित कई विभागों की भर्ती ऐसी है जिनका डेढ़ गुणा के हिसाब से परिणाम जारी हो चुका है। इन परीक्षाओं के अंतिम परिणाम के लिए भी विभाग की ओर से अभ्यर्थियों से जिला आंवटन के लिए ऑप्शन भी भरवा लिए है। यदि नए जिलों के हिसाब से परीक्षा एजेंसी दोबारा से ऑप्शन मांगती है तो भर्ती आचार संहिता के फेर में उलझ सकती है। बेरोजगारों की ओर से पुराने ऑप्शन के हिसाब से ही जिला आवंटन करने की मांग की जा रही है। वहीं कर्मचारी चयन बोर्ड, राजस्थान लोक सेवा आयोग व सीफू सहित अन्य परीक्षा एजेंसी भी अभी इन भर्तियों में नए सिरे से जिला आंवटन के विकल्प भराने के मूड में भी नहीं है। आगामी भर्तियों में नए जिलों के हिसाब से समीकरण बदलना पूरी तरह तय है। वहीं नए जिला व संभाग बनने से बेरोजगारों के लिए नौकरी के नए अवसर भी बनेंगे।
प्रदेश में अब ऐसे बढ़ेंगे नौकरी के अवसर...
मंत्रालयिक व अन्य
सीईटी के जरिए लगातार नौकरी
सरकार ने 12 से अधिक विभागों की कई सेवाओं के लिए कॉमन परीक्षा का फॉर्मूला पिछले साल लागू किया था। कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से सीईटी के दोनों चरणों की परीक्षाएं हो चुकी है। ऐसे में पहले चरण में सीईटी के जरिए चयनित होने वाले अभ्यर्थियों की संख्या में इजाफा होगा। वहीं नए जिले व संभाग खुलने से सीईटी के जरिए बेरोजगारों को लगातार नौकरी भी मिलती रहेगी।
राज्य सेवा
बेरोजगारों को और ज्यादा मिलेंगे मौके
राजस्थान प्रशासनिक सेवा के पदों में बढ़ोतरी होने से बेरोजगारों को अब और ज्यादा अफसर बनने का मौका मिलेगा। दरअसल, जिला मुख्यालय पर सभी विभागों के जिला कार्यालय भी खुलने शुरू हो गए है। इनमें से ज्यादातर अब राज्य सेवा के अधिकारी जिलाधिकारी के तौर पर पदस्थापित है। ऐसे में हर जिले में 20 से 25 पद सृजित होंगे। वहीं कई विभागों की लंबित पदोन्नति भी अब हो सकेगी।
सिविल सेवा
आईएएस व आईपीएस कैडर में कोटा बढ़ना तय
प्रदेश में नए जिले व संभाग बनने से सिविल सेवा के पदों में भी बढ़ोतरी होना तय है। एक्सपर्ट का कहना है कि हो सकता है कि शुरूआती तौर पर सरकार को नए अफसर नहीं मिले, लेकिन अगले साल तक राजस्थान का कोटा बढ़ना तय है। नए संभाग व जिला बनने अफसरों के फील्ड पोस्टिंग के पदों में भी बढ़ोतरी हुई है।
न्यायिक सेवा
हर जिले में न्यायालय, बढ़ेंगे पद
नए जिलों के धरातल पर आने पर हर जिले में नए न्यायालय भी खुलेंगे। ऐेसे में प्रदेश के युवाओं को न्यायिक सेवा में भी ज्यादा अवसर मिल सकेंगे।
इन भर्तियों के चयनितों को मिलनी है नौकरी
अगले तीन सालों तक ज्यादा रहेंगे अवसर
सरकार के संभाग व जिलों की घोषणा करने का फायदा निश्चित तौर पर बेरोजगारों को मिलेगा। अगले तीन सालों तक राज्य सेवा से लेकर मंत्रालयिक श्रेणी तक की नौकरी के लिए अवसर बढ़ेंगे। जिला मुख्यालय व संभाग बनने पर पद सृजित होने की प्रक्रिया लगभग शुरू हो गई है। शुरूआती तौर पर सरकार की ओर से ज्यादा स्टाफ नहीं लगाया है। आगामी दिनों में जिला व संभाग कार्यालयों के सेटल होने पर पदों में बढ़ोतरी होगी।-डॉ. चेतन जोशी, भर्ती मामलों के विशेषज्ञ, सीकर
समय पर मिले बेरोजगारों को नौकरी
अक्टूबर महीने में प्रदेश में आचार संहिता लगने की संभावना है ऐसे में सरकार को जल्द सभी भर्तियों के अंतिम परिणाम जारी करने चाहिए, जिससे बेरोजगारों को समय पर नौकरी मिल सके। नए जिलों का गठन जरूर हुआ है लेकिन सरकार को पहले से भराए हुए ऑप्शन के आधार पर अंतिम परिणाम जारी करना चाहिए। परामर्श शिविरों के दौरान नए जिलों के लिए अभ्यर्थियों के लिए अलग से नवाचार कर राहत दी जा सकती है।-उपेन यादव, प्रदेश अध्यक्ष, राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ
और यह बोले बेरोजगार....कब मिलेगी पूरी राहत
एक लाख पदों पर भी जल्द हो भतीसरकार ने एक लाख पदों पर भर्ती कराने की घोषणा तो कर दी। अभी तक सरकार ने विज्ञप्ति ही अनलॉक नहीं की है। यदि सरकाररी ओर से अब भी देरी होती है तो भर्तियां फिर से आचार संहिता में उलझ सकती है। सरकार को सीईटी सहित अन्य के आधार पर होने वाली भर्तियों का कलैण्डर जल्द जारी करना चाहिए।-अखिलेश कुमार, सीकर
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