गृह जिलों में स्थानांतरण की उम्मीदों पर तुषारापात
बांसवाड़ा. जनजाति उपयोजना क्षेत्र में डेढ़ दशक से अधिक समय से राजकीय विद्यालयों में सेवारत तृतीय श्रेणी अध्यापकों को गैर अनुसूचित क्षेत्र में समायोजित व स्थानांतरित करने के आदेश तो हो गए हैं, किंतु नॉन टीएसपी मूल के शिक्षक निराशा के भंवर में हैं। लंबे संघर्ष के बाद गृह जिलों में स्थानांतरण की उनकी उम्मीदों पर तुषारापात हुआ है। वहीं शिक्षा विभाग ने रिक्त होने वाले पदों पर स्थानीय अभ्यर्थियों को अवसर मिलने को राहत बताया है। राज्य सरकार ने गत दिनों 1903 तृतीय श्रेणी शिक्षकों को जनजाति उपयोजना क्षेत्र से बाहर के जिलों में स्थानांतरित व समायोजित करने के आदेश दिए थे। उनकी यह खुशी क्षणिक ही साबित हुई है। नॉन टीएसपी क्षेत्र के शिक्षकों ने टीएसपी क्षेत्र से बाहर के जिलों में स्थानांतरण व समायोजन को कोहनी पर गुड़ बताया है। उनका कहना है कि डेढ़ दशक तक इस क्षेत्र में सेवाएं देने के बाद गृह जिलों में भेजने की बजाय राज्य सरकार अन्य जिलों में स्थानांतरित कर रही है। वर्षों तक गृह जिले की बजाय अन्य जिले में सेवाएं देने के बाद भी गृह जिले में पदस्थापन नहीं हो रहा है। ऐसे में उनकी स्थिति पूर्ववत ही रहेगी। पारिवारिक, सामाजिक दायित्व का निर्वहन भी नहीं कर पाएंगे।
अनुसूचित क्षेत्र में ही होगा पदस्थापन
अनुसूचित क्षेत्र में कार्यरत 1903 शिक्षकों का गैर अनुसूचित क्षेत्र में समायोजन होने से स्थानीय अभ्यर्थियों का इसी क्षेत्र में पदस्थापन होगा। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक ने बताया कि शिक्षा विभाग की ओर से अनुसूचित क्षेत्र के विद्यालयों में कार्यरत कार्मिकों की ओर से अनुसूचित क्षेत्र से गैर अनुसूचित क्षेत्र में स्थानान्तरण के लिए विकल्प प्रस्तुत किए थे। इसके आधार पर राज्य सरकार के निर्णयानुसार 1903 शिक्षकों का अनुसूचित क्षेत्र के जिलों से गैर अनुसूचित क्षेत्र के जिलों में स्थानान्तरण या समायोजन करने के आदेश हुए हैं। उन्होंने बताया कि प्रारम्भिक शिक्षा विभाग अन्तर्गत अध्यापकों की वर्तमान में प्रक्रियाधीन भर्ती में अनुसूचित क्षेत्र के लिए वर्तमान में अध्यापकों के 3947 रिक्त पदों के विरूद्ध 6018 पद विज्ञापित किए हैं। विभाग ने अनुसूचित क्षेत्र में रिक्त पदों से 2071 अतिरिक्त पद विज्ञापित किए, जिससे अनुसूचित क्षेत्र के 2071 अभ्यर्थियों को रोजगार के अधिक अवसर प्राप्त होंगे। वर्तमान में प्रक्रियाधीन भर्ती से 6018 नवीन चयनित अभ्यर्थी के पदस्थापन उपरान्त अनुसूचित क्षेत्र से गैर अनुसूचित क्षेत्र में 1903 शिक्षकों के स्थानान्तरण व समायोजन से हुई रिक्तियों सहित अध्यापकों के शतप्रतिशत रिक्त पदों को भरा जा सकेगा।
जन प्रतिनिधियों का जुटा रहे समर्थन
इधर, अब नॉन टीएसपी के द्वितीय व तृतीय श्रेणी के शिक्षकों ने जन प्रतिनिधियों का समर्थन जुटाना शुरू कर दिया है। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दीपेन्द्रसिंह शेखावत, सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली, विधायक डॉ. मंजू देवी मेघवाल, पूर्व विधायक श्रवण कुमार ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर तृतीय श्रेणी शिक्षकों के साथ ही वरिष्ठ अध्यापक, शारीरिक शिक्षकों व प्रबोधकों का स्थानांतरण गृह जिले में करने की अनुशंसा की है। इसके लिए उन्होंने स्टेट काउंसलिंग कराने का सुझाव दिया है।
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