घटते जा रहे हैं राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम
बीकानेर. स्कूल के विद्यार्थियों के शैक्षणिक स्तर को सुधारने, उन्हें तीन विशेष विषयों को पढ़ने के प्रति रुचि पैदा करने तथा लर्निंग गैप को कम करने के लिए राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम कार्यक्रम शुरू किया गया था। इसकी सफलता तथा उपयोगिता को देखते हुए शिक्षा विभाग ने इसे निरंतर जारी रखने का निर्णय किया। अब हालात यह हैं कि संस्था प्रधानों की लापरवाही के चलते यह कार्यक्रम फ्लॉप होता दिखाई दे रहा है। दरअसल, विद्यार्थियों का बेसलाइन आंकलन शाला दर्पण पर अपलोड ही नहीं किया जा रहा है। अब मात्र एक दिन बचा है। इस एक दिन में कितना डाटा अपलोड होगा, यह तो देखने वाली बात होगी, लेकिन शिक्षा विभाग जिम्मेदार संस्था प्रधानों को नोटिस देने की तैयारी जरूर कर रहा है।
इन विषयों का करना होता है डाटा अपलोड
राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम कार्यक्रम के तहत गणित, अंग्रेजी तथा हिंदी विषयों का बेसलाइन आंकलन होता है। कक्षा तीन से आठ तक में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए यह कार्यक्रम चलाया गया है। अब तक कक्षा 6 से 8 तक के विद्यार्थियों के बेसलाइन डाटा अपलोड नहीं हुए हैं।
क्या है राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम
कोविडकाल के दौरान स्कूल बंद होने से शिक्षण कार्य प्रभावित होने लगा था। निजी स्कूलों ने विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन शिक्षण कार्य प्रारंभ कर दिया था, लेकिन सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए समस्या थी। उनके पढ़ाई में कमजोर होने तथा उनमें लर्निंग गैप बढ़ने लगा था। कोरोनाकाल खत्म होने के बाद इस अंतर को कम करने के लिए राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम शुरू किया गया। फायदा भी पहुंचा और विद्यार्थियों के लर्निंग गैप का अंतर घटने लगा।
मात्र 15% का डाटा
फिलहाल, राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम कार्यक्रम में अब तक किए गए बेसलाइन आंकलन के तहत पूरे प्रदेश से मात्र 15 प्रतिशत विद्यार्थियों का डाटा शाला दर्पण पर अपलोड हो पाया है। जबकि अब एक ही दिन शेष है।
कक्षा पांच तक के डाटा अपलोड की स्थिति
विषय प्रतिशत
हिंदी 18.32
अंग्रेजी 16.78
गणित 17.12
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