एक साल के बेटे को मां के पास छोड़ रोजाना सरकारी स्कूल में बेटियों को पढ़ाती है सरपंच गुलजान खानम
अजमेर. गांव की बेटियों को अच्छी तालीम मिले। वे बारहवीं के बाद पढ़ाई न छोड़ें। उच्च शिक्षा के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं में भी गांव की बेटियां शामिल होकर नाम रोशन करें। इसी मकसद से जिले के गगवाना गांव की सरपंच गुलजान खानम रोजाना सरकारी स्कूल में जाकर छात्राओं को दो घंटे पढ़ाती हैं। वे गांव के महात्मा गांधी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में दसवीं एवं सातवीं कक्षा की बालिकाओं को अंग्रेजी और इतिहास विषय पढ़ाती हैं। सरपंच खानम ने बताया कि बालिकाओं को अभी से ही प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयारी करा रही हूं। पढ़ाने के साथ उन्हें आरएएस, आईएएस व अन्य भर्ती परीक्षा की तैयारी के भी टिप्स देती हूं, ताकि बालिकाएं पढ़ाई बीच में नहीं छोड़ें।
बीएड करने के बाद बनी सरपंच
खानम ने बताया कि वह सोफिया कॉलेज से अंग्रेजी में स्नातकोत्तर उत्तीर्ण हैं। बीएड करने के साथ रीट एवं सीटेट उत्तीर्ण की है। शादी होने के बाद वर्ष 2020 में वे सरपंच बनीं। पति बिलाल खान भी उन्हें इस काम के लिए प्रेरित करते हैं। स्कूल में पढ़ाई कराने के दौरान एक वर्ष के बेटे को वह अपनी मां के पास छोड़कर आती हैं।
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