अव्यवस्था: सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों का टोटा, कैसे पढ़ें बच्चे?
निमाज. भले ही नई शिक्षा नीति को लेकर बातें कही जा रही हों। विद्यालय क्रमोन्नत किए जा रहे हों, लेकिन धरातल पर सब कुछ ठीक नहीं है। विद्यालयों को क्रमोन्नत हुए दूसरा सेशन शुरू हो चुका है, मगर विद्यालयों में अभी तक व्याख्याताओं के पद ही स्वीकृत नहीं हुए हैं। जहां स्वीकृत है वहां रिक्त हैं। ऐसे में सरकारी विद्यालयों में प्रवेश पा चुके विद्यार्थी ठगा सा महसूस कर रहे हैं। शिक्षकों, व्याख्याताओं के अभाव में विद्यार्थियों का मोह भंग हो रहा है। हालांकि कोरोना के बाद खुले सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों का नामांकन भी तेजी से बढ़ा। अभिभावकों ने भी सरकारी विद्यालय में विद्यार्थियों को भेजने में रुचि दिखाई।
सब कुछ ठीक रहा, लेकिन विद्यालयों में रिक्त पदों ने बच्चों की पढ़ाई में बाधा उत्पन्न की। कई विद्यालयों में तो व्याख्याताओं एवं शिक्षकों के पद रिक्त रहने से परिणाम पर भी उनका असर पड़ा। व्याख्याताओं व शिक्षकों के रिक्त पदों के कारण खासकर गांवों के स्कूल में पढऩे वाले विद्यार्थियों को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे ही कुछ हालात जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत मुख्यालय स्थित राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय समेत चार राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों के हैं। इन विद्यालयों में व्याख्याताओं एवं शिक्षकों के रिक्त पदों के कारण विद्यार्थियों को अध्ययन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। व्याख्याताओं एवं शिक्षकों के रिक्त पदों को लेकर अभिभावक भी असमंजस की स्थिति में हैं।
भगवान महावीर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय
कस्बे में स्थित भगवान महावीर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में कई पद रिक्त हैं। विद्यालय में भूगोल, रसायन शास्त्र, अर्थशास्त्र के व्याख्याताओं के पद लंबे समय से रिक्त हैं। विद्यालय में विशेष शिक्षा एवं पुस्तकालयाध्यक्ष के पद तो स्वीकृति के बाद आज तक नहीं भरे हैं। विद्यालय में शारीरिक शिक्षक व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी व प्रयोगशाला सेवकों के तीन पद भी लंबे समय से रिक्त हैं।
6 वर्षों से नहीं है भूगोल व्याख्याता
कस्बे के विद्यालय में 2017 से भूगोल विषय के पद पर कार्यरत व्याख्याता नहीं हैं। प्रैक्टिकल को लेकर विद्यार्थी परेशान रहते हैं। व्याख्याता की कमी का खामियाजा क्षेत्र के विद्यार्थियों एवं विद्यालय को उठाना पड़ रहा है। बावजूद इसके विभाग आंखें मूंदे बैठा है।
बालिका विद्यालय भी नहीं है अछूता
कस्बे के बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में भी अंग्रेजी व्याख्याता व अंग्रेजी वरिष्ठ अध्यापक का पद लंबे समय से रिक्त पड़ा है। इसका खामियाजा विद्यालय की बालिकाओं को उठाना पड़ रहा है।
विद्यार्थियों की पढ़ाई का हो रहा है नुकसान
कस्बे के विद्यालयों में रिक्त व्याख्याताओं एवं शिक्षकों के पदों व अन्य व्याख्याताओं के पदों के स्वीकृत नहीं होने के कारण क्षेत्र के विद्यार्थियों विशेषकर बालिकाओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। व्याख्याताओं एवं शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति को लेकर मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री व विभागीय उच्चाधिकारियों को अवगत कराया है।-दिव्या कुमारी, सरपंच, ग्राम पंचायत, निमाज
पद ही नहीं स्वीकृत
निमाज ग्राम पंचायत क्षेत्र में यूं तो वर्तमान में चार उच्च माध्यमिक विद्यालय हैं। जिसमें दो पिछले वर्ष क्रमोन्नत हुए हैं। उनमें से राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय खेड़ादेवगढ़ एवं राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कूबाजी ट्रस्ट निमाज में व्याख्याताओं के पद भी स्वीकृत नहीं हुए हैं। इसका सीधा असर प्रवेश पर पड़ रहा है। विद्यालय नजदीक होने के बावजूद पढ़ाने वालों के अभाव में अभिभावक प्रवेश को लेकर भी हिचकिचा रहे हैं। खेड़ादेवगढ़ में अध्यापक लेवल एक, लेवल दो के गणित व विज्ञान के पद रिक्त हैं। शिक्षकों की कमी से विद्यार्थियों का नुकसान हो रहा है।
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