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मंगलवार, 22 अगस्त 2023

राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे : डॉ. कल्ला


 राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे : डॉ. कल्ला

बीकानेर. कला एवं संस्कृति तथा शिक्षा मंत्री बी. डी. कल्ला ने कहा कि राजस्थानी विश्व की पुरानी और समृद्धतम भाषाओं में है। इसमें प्रचुर साहित्य सृजन हुआ है।इसका शब्दकोष समृद्ध है तथा दुनिया भर में दस करोड़ से अधिक लोग इस भाषा को बोलते और समझते हैं। इसके बावजूद केन्द्र सरकार की ओर से अब तक इसे आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया गया है। कल्ला सोमवार को पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के सभागार में राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के द्मसालीणा जळसौ, पुरस्कार अर सम्मान संमेळोद्य को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता शीघ्र मिले, इसके लिए सामूहिक प्रयास करने चाहिए। इसके लिए प्रत्येक राजस्थानी को आगे आना होगा और राजस्थानी के सम्मान के लिए पैरवी करनी होगी।


उन्होंने कहा कि अकादमी के रिक्त पदों को भरने, स्कूलों में राजस्थानी भाषा शिक्षकों के पद स्वीकृत करवाने, महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय में स्थाई राजस्थानी भाषा विभाग की स्थापना करवाने की दिशा में कार्य किया जाएगा।


अकादमी के अध्यक्ष शिवराज छंगाणी ने कहा कि अकादमी द्वारा राजस्थानी भाषा के विकास के लिए सतत प्रयास किए जा रहे हैं। उपाध्यक्ष डॉ. भरत ओला ने अकादमी की विभिन्न आवश्यकताओं के बारे में बताया। सचिव शरद केवलिया ने अकादमी का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। इस दौरान अकादमी कोषाध्यक्ष राजेंद्र जोशी, डॉ. सुरेश साल्वी, शारदा कृष्ण, दिनेश पंचाल, सुखदेव राव, अंबिका दत्त, देवकरण जोशी, गौरीशंकर प्रजापत, बसंती पंवार, मंगत बादल, मालचंद तिवारी, जेबा रशीद, सत्यप्रकाश आचार्य, नवनीत पांडे सहित कई साहित्यकार और संस्कृति प्रेमी मौजूद थे।


इन्हें मिला पुरस्कार

वर्ष 2022-23 के लिए सूर्यमल्ल मीसण शिखर पुरस्कार (पद्य) बीकानेर के मधु आचार्य आशावादी कोे, गणेशीलाल व्यास उस्ताद पद्य पुरस्कार बारां के मूल निवासी ओम नागर, शिवचंद भरतिया गद्य पुरस्कार बीकानेर के कमल रंगा व मुरलीधर व्यास राजस्थानी कथा साहित्य पुरस्कार अलवर के डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी को दिया गया। बावजी चतर सिंह अनुवाद पुरस्कार लूणकरणसर के राजूराम बिजारणियां, सांवर दइया पैली पोथी पुरस्कार भीलवाड़ा के मोहन पुरी, जवाहरलाल नेहरू राजस्थानी बाल साहित्य पुरस्कार रायसिंहनगर की किरण बादळ, प्रेमजी प्रेम राजस्थानी युवा लेखन पुरस्कार लूणकरणसर के देवीलाल महिया, राजस्थानी महिला लेखन पुरस्कार बीकानेर की डॉ. कृष्णा आचार्य तथा राजस्थानी साहित्यिक पत्रकारिता पुरस्कार ‘राजस्थली’ पत्रिका श्रीडूंगरगढ़ को दिया गया। भतमाल जोशी महाविद्यालय पुरस्कार प्रथम स्थान प्राप्त बीकानेर के छात्र योगेश व्यास व द्वितीय फालना निवासी अभिमन्यु सिंह इंदा को प्रदान किया गया। मनुज देपावत पुरस्कार प्रथम स्थान प्राप्त बीकानेर के छात्र अरमान नदीम को व द्वितीय स्थान प्राप्त महाजन निवासी कल्पना रंगा को दिया गया।


प्रदेश के 14 वरिष्ठ साहित्यकारों को आगीवाण सम्मान

राजस्थानी भाषा सम्मान अजमेर के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. चन्द्रप्रकाश देवल को, राजस्थानी साहित्य सम्मान जोधपुर के साहित्यकार डॉ. अर्जुन देव चारण, राजस्थानी संस्कृति सम्मान बीकानेर के डॉ. ब्रजरतन जोशी व राजस्थानी प्रवासी साहित्यकार सम्मान मुंबई के डॉ. रामबक्ष को प्रदान किया गया। आगीवाण सम्मान प्रदेश के 14 वरिष्ठ साहित्यकारों को अर्पित किया गया। इनमें नंदकिशोर शर्मा (जैसलमेर), मेहरचंद धामू (परलीका, हनुमानगढ़), चांदकौर जोशी (जोधपुर), दीनदयाल ओझा (जैसलमेर), सोहनदान चारण (जोधपुर), भोगीलाल पाटीदार (डूंगरपुर), भंवरलाल भ्रमर (बीकानेर), गौरीशंकर भावुक (तालछापर, सुजानगढ़), पुरुषोत्तम पल्लव (उदयपुर), श्याम जांगिड़ (चिड़ावा, झुंझुनूं), गोपाल व्यास (बीकानेर), मुकट मणिराज (कोटा), बिशन मतवाला (बीकानेर), उपेन्द्र अणु (ऋषभदेव, उदयपुर) शामिल रहे।


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