नो बैग डे पर बौद्धिक कौशल सुधारेंगे, बच्चे रिपोर्टर व आरजे बनेंगे, लेखक व कवि के जीवन पर अभिनय करेंगे
इस बार स्कूलों में नो बैग डे पर 12 अगस्त को बच्चों से अनोखे सवाल पूछे जाएंगे। उन्हें जानवर के किरदार देकर पूछेंगे कि वे इस किरदार में होंगे तो कैसे निभाएंगे यानी किसी बच्चे को शेर का किरदार देकर शिक्षक उससे पूछेंगे कि आप शेर होते तो क्या करते और बच्चों के रोचक जवाब के आधार पर उनका बौद्धिक स्तर नापा जाएगा। यही नहीं, इस दिन छठी से आठवीं के बच्चे रिपोर्टर बनेंगे और प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की खबरों का प्रकाशन और प्रसारण भी करेंगे।
नो बैग डे पर खास गतिविधि करने के उद्देश्य से स्कूलों में पहली व दूसरी कक्षा के बच्चों को एक-एक जानवर का चित्रनुमा कार्ड देकर उनसे मैं होता तो क्या करता ? विषय पर उस जानवर से संबंधित सवाल पूछे जाएंगे। तीसरी से पांचवीं कक्षा के बच्चे अपनी पाठयपुस्तक या लाइब्रेरी की किताबों में प्रकाशित कहानियों से पात्र बना बच्चों को छोटे समूहों में बांटकर पात्रों से तीन मजेदार सवाल पूछे जाएंगे। जैसे कछुए और खरगोश की कहानी या बंदर व मगरमच्छ की कहानी से पात्र इंटरव्यू देने आएंगे और बच्चे उनसे सवाल पूछेंगे कि तुम बंदर या मगरमच्छ क्यों बने।
11वीं-12वीं के बच्चों के ग्रुप बनाकर रेडियो शो करवाएंगे
11वीं व 12वीं कक्षा के बच्चों के पांच-छह समूह बनाकर रेडियो शो करने के लिए स्क्रिप्ट लिखी जाएगी। हर ग्रुप में एक रेडियो जॉकी होगा, जो किसी प्रसिद्ध व्यक्ति का साक्षात्कार करेगा। इस बीच ब्रेक के दौरान गीत-संगीत, जिंगल, विज्ञापन, चुटकुले आदि का प्रसारण भी होगा। इसमें हर ग्रुप को दस मिनट का समय दिया जाएगा। शिक्षिक इन्हें जज करेंगे।
इंटरव्यू लेंगे, खबरें बनाएंगे, प्रसारण भी करेंगे : स्कूलों में बच्चे रिपोर्टर की भूमिका में रहेंगे। वे अपनी क्लास की गतिविधियों पर खबर बनाएंगे। शिक्षक रिपोर्टिंग के टिप्स देंगे। बच्चे समाचार लिखेंगे, और एक मिनट का प्रसारण भी करेंगे। आत्मविश्वास, मंच पर उपस्थिति और उच्चारण के अंक दिए जाएंगे
नवीं दसवीं के बच्चे बनेंगे लेखक और कवि : नवीं व दसवीं कक्षा के बच्चों के दो समूह बनाकर उन्हें लेखक या कवि के नाम की पर्ची दी जाएगी। पर्ची में खुले नाम के आधार पर कबीरदास, तुलसीदास, सूरदास, महादेवी वर्मा, मिर्जा गालिब आदि किरदारों के जीवन से जुड़ा अभिनय करना होगा।
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