अब विशेष बच्चों को मिलेगी बेहतर सुविधाएं,विद्यार्थियों को स्कूल में ही उपलब्ध होगी थैरेपेटिक सुविधा
सीकर. सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थियों को अपना इलाज कराने के लिए अब कहीं और आना-जाना नहीं पड़ेगा। उन्हें इलाज की सुविधा उनके स्कूल में ही मिल सकेगी। साथ ही घर जाने पर अभिभावक भी उनका इलाज कर सकेंगे। इसके लिए अभिभावकों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा।इसे लेकर राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने के लिए कार्यक्रम तय किया है। समावेशी शिक्षा कार्यक्रम के तहत ब्लॉक स्तर पर स्थापित संदर्भ कक्षों पर गंभीर दोष से प्रभावित विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थियों के लिए थैरेपेटिक सेवा में पुनर्वास विशेषज्ञों की व्यवस्था की जाएगी। इसमें फिजियोथैरेपी, स्पीच थैरेपी एवं साइकोलॉजिकल काउंसलिंग एवं पेरेंट्स काउंसलिंग कार्यक्रम शामिल किया गया है। फिजियोथैरेपिस्ट के लिए मास्टर ऑफ फिजियोथैरेपी तथा बैचलर ऑफ फिजियोथैरेपी की योग्यता होनी आवश्यक होगी। कार्यक्रम संचालन के लिए ब्लॉक पर कार्यरत संदर्भ शिक्षकों की क्षमता विकसित की जाएगी।
स्पीच थैरेपिस्ट को करना होगा यह काम
कार्यक्रम में स्पीच थैरेपिस्ट के कार्य भी निर्धारित किए गए हैं। इसमे ब्लॉक पर चिन्हित मानसिक विमंदित बच्चों का आईक्यू तय करना। इसके अनुसार कार्यक्रम निर्धारण। विद्यार्थियों के व्यवहार संबंधी समस्याओं के परिमार्जन के लिए कार्यक्रम निर्धारण। साथ ही ब्लॉक के संदर्भ शिक्षकों एवं अभिभावकों को परामर्श एवं प्रशिक्षण देना शामिल है।
फिजियोथैरेपिस्ट को मिलेगा मानदेय
फिजियोथैरेपिस्ट के लिए मानदेय भी निर्धारित किया गया है। प्रारम्भिक असेसमेन्ट के लिए अधिकतम 150 रुपए प्रति विद्यार्थी एवं फॉलोअप कार्यक्रम के लिए अधिकतम 100 रुपए प्रति विद्यार्थी मानदेय देय होगा। जिला मुख्यालय से ब्लॉक संदर्भ केन्द्र तक जाने के लिए साधारण रेल एवं बस का आने-जाने का वास्तविक किराया दिया जाएगा। फोलोअप कार्यक्रम के लिए फिजियोथेरेपिस्ट एवं विद्यार्थी की उपस्थिति अनिवार्य होगी।
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