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शुक्रवार, 18 अगस्त 2023

दुविधा : महंगाई की मार, कैसे सजे सरकारी स्कूलों में बच्चों की थाली में पोषाहार


 दुविधा : महंगाई की मार, कैसे सजे सरकारी स्कूलों में बच्चों की थाली में पोषाहार

साबला. मिड डे मील योजना के तहत सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक के सभी बच्चों को प्रतिदिन मध्यान्ह भोजन दिया जाता है, ताकि स्कूलों में बच्चे रोजाना आए और उन्हें पर्याप्त पोषण मिलता रहे, लेकिन बढ़ती महंगाई ने सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों की थाली का बजट बिगाड़ दिया है। महंगाई की वजह से प्रदेश के 70 लाख विद्यार्थियों की मिड डे मील की थाली खाली होने लगी है। उल्लेखनीय है कि अकेले डूंगरपुर जिले में लाखों बच्चे योजना से लाभांवित हो रहे है।


दाल और सब्जी में पानी ज्यादा

महंगी हरी सब्जियों के चलते बच्चों को प्रति दिन दोपहर में मिलने वाले भोजन से हरी सब्जियां गायब होने लगी हैं। सब्जियों के अलावा तेल, दाल और गैस के साथ मसालों के दाम भी पिछले एक साल में काफी बढ़े है। लेकिन मिड डे मील योजना के लागत मूल्य में बाजार मूल्य अनुरूप बढ़ोतरी नहीं होने से शिक्षकों एवं संस्थाप्रधानों के समक्ष बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण भोजन उपलब्ध करा पाना चुनौती बना हुआ है। ऐसे में बच्चों को कहीं रोटी कम तो कहीं दाल एवं सब्जी में पानी ज्यादा मिल रहा है। फल तो लगभग मिलना बंद ही हो गए है। खाद्य सामग्री के आसमान छू रहे भाव के कारण हाल ही में दो वर्ष बाद अक्टूबर 2022 में बढ़ाई गई कुकिंग कन्वर्जन राशि ऊंट के मुंह में जीरा कहावत को चरितार्थ कर रही है। गुणवत्ता पूर्ण भोजन उपलब्ध नहीं करा पाने से शिक्षकों में परेशानी एवं अभिभावकों में नाराजगी बढ़ रही है। विभागीय अधिकारी अपने निरीक्षण में एमडीएम की गुणवत्ता परखने पर भी खूब जोर देते हैं, लेकिन बच्चों के भोजन के लिए मिलने वाली धनराशि में कोई बढ़ोतरी हो उस पर उच्च अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट नहीं किया जाता है।


सप्ताह में दो बार हरी सब्जी परोसना है तय

शिक्षा विभाग ने सोमवार से शनिवार तक अलग मीनू निर्धारित किया है। जिसके तहत सोमवार को रोटी-सब्जी, मंगलवार को नमकीन चावल-दाल, बुधवार को दाल-रोटी, गुरुवार को खिचड़ी एवं फल, शुक्रवार को दाल-रोटी और शनिवार के रोटी-सब्जी बच्चों को खिलाई जाती है। ऐसे में सप्ताह में दो दिन बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिए प्रोटीन व विटामिन युक्त हरी सब्जियां आवश्यक हैं। वहीं दो दिन दाल बनाई जाती है।


शिक्षा विभाग से ये मिलती है राशि

शिक्षा विभाग की ओर से पोषाहार सामग्री के लिए कक्षा 1 से 5 तक के 5.45 रुपए व कक्षा 6 से 8 तक 8.17 रुपए प्रति छात्र भुगतान मिलता है। इसमें तेल, दाल, मिर्च-मसाला व गैस सिलेंडर आदि शामिल हैं। इसी राशि में से प्रति छात्र 50 पैसे प्रति दिन के हिसाब से साप्ताहिक फल भी दिया जाता है। ऐसे में में महंगाई के चलते यह राशि नाकाफी है।


यह है प्रति बालक खाद्य सामग्री की मानक मात्रा

खाद्य सामग्री : प्रावि स्तर -उप्रावि स्तर

गेहूं/चावल : 100 ग्राम -150 ग्राम

दाल : 20 ग्राम -30 ग्राम

सब्जी : 50 ग्राम -75 ग्राम

घी/तेल : 5 मिली. -7.5 मिली

नमक : 5 ग्राम -7 ग्राम

मसाला : आवश्यकता अनुसार


इनका कहना है...

राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के जिला सचिव एवं मीडिया प्रभारी राजेन्द्र सिंह चौहान ने कहा कि महंगाई को देखते हुए विद्यालयों में गुणवत्ता पूर्ण भोजन उपलब्ध कराने के लिए सरकार को हर छह माह में बाजार मूल्य के अनुरूप कुकिंग कन्वर्जन राशि बढ़ानी चाहिए।


सूखी सामग्री के भाव किलो में

हरी मूंग दाल - 100 रुपए किलो

तेल - 110 रुपए प्रति

मिर्ची - 260 से 300 रुपए किलो

हल्दी - 160 रुपए प्रतिकिलो

जीरा - 700 से 750 रुपए प्रति


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