परीक्षकों की लापरवाही का खामियाजा परीक्षार्थियों पर भारी
डूंगरपुर/बनकोड़ा. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान अजमेर ने उच्च माध्यमिक परीक्षा 2022 की उत्तर पुस्तिकाओं की समीक्षा उपरांत 21 अथवा अधिक अंकों की अथवा अन्य प्रकार की गंभीर त्रुटियां पाए जाने पर 106 संबंधित परीक्षकों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाने के लिए मय प्रमाण प्रकरण प्रेषित किए हैं। अंकन कार्य से असंतुष्ट परीक्षार्थी हर वर्ष हजारों की संख्या में ऑनलाइन संवीक्षा के लिए आवेदन करते हैं। बोर्ड के दिशा निर्देशों के बाद भी संवीक्षा के दौरान पाया जाता है कि परीक्षक द्वारा अंकन कार्य में लापरवाही की जाती है] जिसका खामियाजा परीक्षार्थियों को भुगतना पड़ता है। बोर्ड ने अब इन परीक्षकों की निर्धारित टोकन राशि की कटौती कर एक वर्ष के लिए विवर्जित (डिबार) या अयोग्य घोषित कर दिया है। इसमें विज्ञान संकाय के छह परीक्षार्थी, वाणिज्य संकाय के छह तथा कला संकाय के 58 तथा प्रवेशिका व उपाध्याय परीक्षा के एक-एक विद्यार्थी सहित 106 विद्यार्थियों के अंकों में संवीक्षा उपरांत अंकों में वृद्धि हुई है।
जिले से भी दो परीक्षक
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान अजमेर द्वारा जारी 106 परीक्षकों की सूची में कर्मचारी की आईडी भी दी गई, जिसमें आरजेडीयू के भी दो परीक्षक है। ऐसे भी परीक्षक हो सकते हैं, जो अन्य जिलों के हो और सेवाएं डूंगरपुर जिले में दे रहे हैं। डूंगरपुर जिले के दो परीक्षकों द्वारा अंकन उत्तर पुस्तिका में पूर्व में ऑनलाइन अंक 21 दर्शाए गए थे जबकि संवीक्षा उपरांत 43 अंक हुए। इससे परीक्षार्थी के 22 अंकों की वृद्धि हुई। वहीं, एक अन्य परीक्षक ने पूर्व में मात्र छह अंक बोर्ड को भेजे थे। वहीं, संबंधित परीक्षार्थी द्वारा संवीक्षा करवाने पर 69 अंक होने से 63 अंकों की वृद्धि हुई थी।
ऑनलाइन फीडिंग के समय आती है समस्या
परीक्षक द्वारा उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के पश्चात अंकों को बोर्ड को ऑनलाइन भेजना होता है। कई परीक्षक इसे मोबाइल तो कई कम्प्यूटर या लेपटॉप से दर्ज करते हैं। इस गोपनीय कार्य को ऑनलाइन करते समय संख्या की बटन अन्य प्रेस हो जाने से ये समस्या आ जाती है। कई परीक्षकों द्वारा अंकों की केजिंग के पश्चात योग मनमर्जी या त्रुटिपूर्ण कर दिया जाता है। संवीक्षा करवाने पर अंकों में हेरफेर आने से खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ता है।
प्राप्तांक बताए 42, जांच करवाई तो हुए 74
डूंगरपुर जिले की राउमावि पुनर्वास कॉलोनी सागवाड़ा की विज्ञान संकाय की छात्रा प्रियांशी पाटीदार पुत्री पंकज कुमार पाटीदार के हिन्दी अनिवार्य विषय में प्राप्तांक 42 के स्थान पर 74 होकर 32 अंकों की वृद्धि होने से समग्र प्रतिशत 84.80 बना। ऐसे ही बनकोड़ा निवासी नव्य भावसार पुत्र निखिल भावसार के 10वीं गणित विषय में प्राप्तांक 47 के स्थान पर 77 होकर 30 अंकों की वृद्धि होने से परीक्षा परिणाम में प्रथम श्रेणी 88.00 प्रतिशत से बढ़कर समग्र प्रतिशत में वृद्धि होकर 93.00 बना। ऐसे हर सत्र में कई उदाहरण सामने आ रहे हैं।
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