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शनिवार, 26 अगस्त 2023

गली-मोहल्लों में बिना पंजीयन के स्कूलों की बाढ़, कर रहे बच्चों के जीवन से खिलवाड़

 


गली-मोहल्लों में बिना पंजीयन के स्कूलों की बाढ़, कर रहे बच्चों के जीवन से खिलवाड़

धौलपुर. जिले में शिक्षा विभाग की अनदेखी के चलते क्षेत्र में बिना विभागीय मान्यता के कई निजी स्कूल संचालित हो रहे हैं। राज्य सरकार के सख्त आदेशों के बावजूद भी एक मान्यता से अलग-अलग स्कूल संचालित हैं। कई स्कूल तो दो कमरों में ही संचालित हो रहे हैं। जिनकी प्रशासन व शिक्षा विभाग को जानकारी भी नहीं है। ऐसे स्कूलों शहर में कई गली-मोहल्ले व कॉलोनियों में खुले हुए हैं। लेकिन अभी तक शिक्षा विभाग को इसकी जानकारी तक नहीं हुई। ऐसे स्कूलों में पांचवीं और आठवीं की मान्यता के बावजूद 10वीं और 12वीं के बच्चों को गुमराह कर दाखिला देकर काफी फीस बसूल रहे हैं।


शहर में बिना मान्यता के स्कूल चल रहे हैं। इनकी संख्या एक या दो नहीं सैकड़ों में है। शिक्षा के नियम ताक पर रखकर ये विद्यालय छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। शिक्षा विभाग की सक्रियता की स्थिति ये है कि इन स्कूलों पर कड़ी कार्रवाई तो दूर विभाग अभी तक ऐसे स्कूलों की सूची तक तैयार नहीं कर सका है। शिक्षा विभाग की उदासीनता के चलते सैकड़ों बच्चों का भविष्य अधर में लटका हुआ हैं। जिले में सैकड़ों अमान्य स्कूल बेधडक़ संचालित हैं। नर्सरी से आठवीं तक की कक्षाएं 60 से 80 गज के मकान में चलाई जा रही हैं। कई स्कूल तो ऐसे है। जिनमें स्कूल का बोर्ड कही दिखाई नहीं देता है। मोहल्ला तथा कॉलोनियों में खुले ऐसे स्कूल बच्चों का भविष्य खराब करने के साथ अभिभावकों की आंखों में धूल झोंक रहे हैं। बच्चों को बिठाने के लिए भवन का इंतजाम नहीं होने उनको टीन शेड में बिठा रहे हैं। बताते दें कि शहर में पंजीकृत निजी विद्यालयों में 36 हजार से अधिक का नामांकन हैं। जबकि इनमें बिना पंजीयन वाले विद्यालय नहीं जुड़े हैं। उन्हें जोड़ दिया जाए तो संख्या 50 हजार पार कर जाएगी।


शहर में 470 से अधिक विद्यालय चल रहे


शहर में अगर मान्यता प्राप्त विद्यालय की बात करें तो जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में केवल 186 विद्यालय पंजीकरण हैं। जिसमें राजकीय विद्यालय 29 तथा निजी विद्यालय 157 पंजीकृत है। इसके साथ ही शहर में 470 से अधिक विद्यालय चल रहे हैं। जिनका कोई पंजीकरण नहीं है। लेकिन अभी शिक्षा विभाग ने इनकी सूची तक तैयार नहीं कराई है। तो बच्चों के अभिभावकों को अच्छी शिक्षा का आश्वासन देकर मोटी फीस वसूल रहे हैं।


भविष्य के साथ कर रहे खिलवाड़


बिना पंजीकृत चल रहे विद्यालय बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसे विद्यालय का कोई रिकॉर्ड नहीं होने से कभी कोई हादसा या कोई घटना होती है तो सरकार से कोई मदद या शिक्षा विभाग से राहत नहीं मिल पाती है। साथ ही इन बच्चों की पढ़ाई के लिए भी उक्त विद्यालय पर कोई जिम्मेदारी नहीं होती है। ये विद्यालय केवल परीक्षा के समय पंजीकृत विद्यालय का सहारा लेकर परीक्षा में शामिल करवा देते हैं। मार्कशीट भी उसी विद्यालय की आती है। यानी इन बच्चों की नींव झूठ की इमारत पर खड़ी होती है।


बिना मान्यता व पंजीयन के विद्यालय संचालित नहीं होने दिए जाएंगे। इनकी जांच कराई जाएगी। अगर बिना पंजीकरण के विद्यालय में बच्चे पढ़ रहे हैं तो उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा।-कृष्णा कुमारी, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, धौलपुर


विद्यालय पंजीकरण के आंकड़े

ब्लॉक राजकीय निजी

धौलपुर 29 157

बाड़ी 22 55

बसेड़ी 24 27

राजाखेड़ा 14 34

सरमथुरा 14 21

(स्रोत: शिक्षा विभाग)


हर नवीन सत्र में खुल जाते हैं ऐसे विद्यालय


शहर में हर नए सत्र में ही विद्यालय खुल जाते हैं। ये विद्यालय केवल दो कमरों में ही शुरू कर देते हैं। जो अच्छी शिक्षा देने का अभिभावकों को विश्वास दिलाते हैं। लेकिन शिक्षा विभाग के पास विद्यालय खुलने की कोई जानकारी ही नहीं होती है। अगर बात करें तो जेल रोड पर हाल में ही दो कमरों में स्कूल संचालित कर दिया है। यहां बच्चों को बैठने तथा खेलने तक की जगह नहीं है। खास बात तो यह है कि उसी घर में स्कूल प्रबंधक का आवास भी है। लेकिन विभाग के अधिकारियों के नाक के नीचे ये संचालित हो रहे हैं।

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