आरकेएसएमबीके आंकलन परीक्षा का मामला : निदेशालय ने माना प्रथम दृष्ट्या सामूहिक नकल, संस्थाप्रधानों से मांगा जवाब सामूहिक नकल जिम्मेदारी नींव मजबूत करने की है, ये कर रहे कमजोर
डूंगरपुर. शिक्षा में प्राथमिक स्तर पर बच्चों की शैक्षिक नींव मजबूत करने की जिम्मेदारी जिन शिक्षकों के पास है, वे ही नींव कमजोर करने पर तुले हुए है। ऐसा ही मामला प्रदेश में शिक्षा विभाग के तहत राजस्थान के शिक्षा के बढ़ते कदम कार्यक्रम के तहत अप्रेल में आयोजित आरकेएसएमबीके आंकलन परीक्षा में सामने आया हैं। यहां नियमों में ताक में रखकर परीक्षा की औपचारिकताएं पूरी करते हुए सामूहिक नकल तक करवा दी गई। इसका खुलासा वागड़ के डूंगरपुर-बांसवाड़ा सहित प्रदेश के 262 विद्यालयों में एक कक्षा में सभी विद्यार्थियों के सभी प्रश्नों के विकल्प एक समान पाए जाने पर हुआ है। निदेशालय माध्यमिक शिक्षा बीकानेर ने प्रथम दृष्ट्या इसे सामूहिक नकल मानते हुए संबंधित विद्यालयों के संस्था प्रधानों को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। संस्था प्रधानों को मामले में जवाब मंडल के संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा को प्रस्तुत करना होगा।
वागड़ के ये स्कूल
बांसवाड़ा जिले में राजकीय प्राथमिक विद्यालय कानजी तलैया, राउमावि खैरवा, प्राथमिक विद्यालय वखतपुरा द्वितीय, राप्रावि हुकीमाली, सोरवाडला, केनापाड़ा, भीमगढ़चाचाकोटा, कांकरापाड़ा तेजपुरा, एसके घटियान, भूरीघाटी गोरछा, पीपलीपाड़ा, उप्रावि घाटीपहला, घाटीपाड़ा एवं डूंगरपुर जिले के सागवाड़ा ब्लॉक का राप्रावि कलासुआ फला बिलिया, प्रावि सातियाफला, उप्रावि लोहारिया फला, बिछीवाड़ा का राउप्रावि पाटतलाई, झौथरी का राउप्रावि बिलपनखास, दोवड़ा का राउमावि वालोता, चीखली का प्रावि मालीवाड़फला पियोला, गलियाकोट का राप्रावि नाला फला शामिल है, जिनके संस्था प्रधान से जवाब मांगा गया है।
जवाब मांगने का सिलसिला शुरू
जिले में संस्था प्रधानों से मामले में जवाब मांगने का सिलसिला शुरू हो गया है। कुछ संस्था प्रधानों ने जवाब में बच्चों के पढ़ाई में अव्वल होने का तर्क एक समान जवाब को लेकर भी दिया है। एडीईओ माध्यमिक हर्षित चौबीसा ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा से जुड़े विद्यालय को नोटिस जारी कर जवाब ले लिया है। इधर, डीईओ प्रारंभिक राजेश कटारा एवं मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी इंदिरा लड्ढा से मामले में लगातार संपर्क के प्रयास किए गए, लेकिन फोन ही नहीं उठाया।
एक सच यह भी
विभाग स्तर पर समय समय पर किए जाने वाले आंकलन के दीगर अर्द्ध ंवार्षिक एवं वार्षिक परीक्षाओं में भी सामूहिक नकल की स्थितियां विगत वर्षो ं में सामने आ चुकी है। बांसवाड़ा में तो ब्लेक बोर्ड पर उत्तर अंकित कर बच्चों से लिखवाने, परीक्षा कक्ष में एक-दूसरे की उत्तर पुस्तिकाओं एवं किताबों से प्रश्न पत्र हल करने जैसे मामले भी सामने आ चुके है, लेकिन इन प्रकरणों में महज नोटिस जारी कर इतिश्री करने से ऐसे प्रकरणों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।
सभी विद्यार्थियों के प्रश्नों के विकल्प समान
राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम कार्यक्रम के तहत 17 से 20 अप्रेल को आयोजित आरकेएसएमबीके आकलन के परिणामों का एप्प के माध्यम से विश्लेषण किया गया। इसमें सामने आया कि एक कक्षा के सभी विद्यार्थियों की ओर से सभी पंद्रह प्रश्नों के उत्तर में समान विकल्प चुना है। उल्लेखनीय है कि आरकेएसएमबीके आकलन में विद्यार्थियों के अधिगम प्राप्ति प्रगति की समीक्षा होती है। जिससे विद्यार्थियों के अधिगम स्तर सुधार के लिए शिक्षकों को सहायता मिलती है।
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