भामाशाहों के भरोसे सरकारी स्कूल, इस बार कौन बांटेगा छात्रों को लड्डू
जयपुर. सरकारी स्कूलों में राष्ट्रीय पर्व आयोजित करने के लिए बजट नहीं मिलता। ऐसे में सरकारी स्कूलों में भामाशाहों के सहयोग से आयोजन कराए जाते हैं। जिन स्कूलों में भामाशाह नहीं मिलते, वहां पर शिक्षक मिलकर आयोजन कराते हैं। ऐसे में सरकारी स्कूलों के बच्चों को इंतजार रहता है कि इस बार लड्डू कौन बांटेगा। आयोजन में आठ से दस हजार रुपए का खर्चा आता है।
नहीं मिली यूनिफॉर्म
सरकार ने कक्षा एक सेे आठवीं तक के विद्यार्थियों के लिए नि:शुल्क यूनिफॉर्म की घोषणा की, लेकिन सत्र शुरू होने के करीब डेढ़ माह बाद भी बच्चों को यूनिफॉर्म नहीं मिली है। बजट घोषणा के अनुसार सरकार आठवीं तक के विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म फैब्रिक के दो सेट निशुल्क देगी। वहीं, सिलाई खर्च के 200 रुपए विद्यार्थियों के बैंक खाते में जमा कराए जाएंगे। पिछले सत्र में 67 लाख विद्यार्थियों को नि:शुल्क यूनिफॉर्म का वितरण किया था।
सरकार स्कूलों में आयोजन का बजट नहीं देती है। स्कूल भामाशाहों से की मदद से ही आयोजन कराते हैं। बच्चों को मिठाई जनसहयोग से बांटी जाती है।- जगदीश मीणा, डीईओ जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक जयपुर
सभी निजी स्कूल अवकाश नहीं रखते। स्कूलों में स्वतंत्रता दिवस की थीम पर कई कार्यक्रम कराए जाते हैं। - भूपेन्द्र सिंह राजावत, निदेशक निजी स्कूल
समय के साथ बदलाव
सरकारी और निजी स्कूलों में राष्ट्रीय पर्व की तैयारियां एक माह पहले से ही शुरू हो जाती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है। अधिकांश निजी स्कूल राष्ट्रीय पर्वों पर अवकाश कर देते हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें