महंगाई का असर बच्चों के मिड डे मील पर भी दिखा,पोषाहार की थाली में हरी सब्जियां नदारद, हरी सब्जी की जगह परोस रहे आलू-छोले की सब्जी
नागोला. हरी सब्जियों के आसमान छूते भावों के कारण सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील योजना के तहत बच्चों को प्रति दिन दोपहर में मिलने वाले भोजन से हरी सब्जियां गायब होने लगी हैं। कक्षा एक से आठवीं तक के बच्चों पोषाहार दिया जाता है। हरी सब्जियों के महंगी होने से पुराना बजट नाकाफी है। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के पोषाहार प्रभारी ने बताया कि पोषाहार कुकिंग कन्वर्जन राशि में बढ़ोतरी जरूरी है। सब्जियों के अलावा मिर्च-मसालों के भाव भी काफी बढ़ गए हैं।
विभाग से ये मिलती है राशि
शिक्षा विभाग की ओर से पोषाहार सामग्री के लिए कक्षा 1 से 5 तक के 5.45 रुपए व कक्षा 6 से 8 तक के लिए 8.17 रुपए प्रति छात्र के हिसाब से भुगतान किया जाता है। जिससे तेल, दाल, मिर्च-मसाला व गैस सिलेंडर आदि शामिल हैं। इसी राशि में से प्रति छात्र 50 पैसे प्रति दिन के हिसाब से साप्ताहिक फल भी दिया जाता है। ऐसे में महंगाई के चलते यह राशि नाकाफी साबित हो रही है।
मिर्च मसाला भी डाल रहे कम
नाम नहीं छापने की शर्त पर एक पोषाहार प्रभारी ने बताया कि दो बार दी जाने वाली हरी सब्जी के स्थान पर आलू-छोले व छाछ डालकर आलू की सब्जी दी जा रही है। दाल में भी मिर्च-मसाला कम ही उपयोग में लिया जा रहा है। दाल के भाव भी बढ़े हैं। इससे दाल की मात्रा भी कम कर दी है।
सब्जियों के भाव प्रति किलो
टमाटर 240 रुपए किलो
पालक 40 रुपए
प्याज 25 रुपए
भिंडी 60 रुपए
मिर्ची 80 रुपए
पत्ता गोभी 40 से 50 रुपए
करेला 40 से 50 रुपए
लौकी 40 रुपए किलो।
सूखी सामग्री के भाव किलो में
हरी मूंग दाल: 100 रुपए किलो
तेल : 110 रुपए प्रति
मिर्ची : 260 से 300 रुपए किलो
हल्दी : 160 रुपए प्रतिकिलो
जीरा : 700 से 800 रुपए प्रति किलोग्राम।
सप्ताह में दो बार हरी सब्जी परोसना है तय
शिक्षा विभाग ने सोमवार से शनिवार तक अलग-अलग मेन्यू निर्धारित किया है। जिसके तहत बच्चों को सोमवार को रोटी-सब्जी, मंगलवार को नमकीन चावल-दाल, बुधवार को दाल-रोटी, गुरुवार को खिचड़ी एवं फल, शुक्रवार को दाल-रोटी और शनिवार को रोटी-सब्जी खिलाई जाती है। ऐसे में सप्ताह में 2 दिन बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिए प्रोटीन व विटामिन युक्त हरी सब्जियां खिलाना आवश्यक हैं। वहीं दो दिन दाल बनाई जाती है।
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