बच्चों को मील देने से पहले किसने चखा, इसका कोई लेखा-जोखा नहीं
बीकानेर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में संचालित मिड डे मील तथा मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना के निरीक्षण में मिली कमियों को दूर करने के निर्देश दिए गए हैं। राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने सभी स्कूलों में 28 जुलाई को इन दोनों योजनाओं की वास्तविक स्थिति का आंकलन करने के लिए निरीक्षण कराया था। इस दौरान मिली कमियों को दूर करने के निर्देश सभी जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) को भेजे हैं। पत्र में कहा गया है कि मिड डे मील योजना एवं मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना सरकार की फ्लैगशिप योजना है। योजना के प्रभावी क्रियान्वयन में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
निरीक्षण में मिली ये कमियां
विद्यालयों में साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था नहीं थी।
विद्यालयों में भोजन चखने के रजिस्टर का समुचित संधारण नहीं था।
कुक कम हैल्पर के मानदेय का समय पर भुगतान नहीं किया जा रहा था।
विद्यालयों में आवश्यक बर्तनों की कमी थी।
विद्यालयों को समय पर बजट आवंटन नहीं किया जा रहा था।
खाद्यान्न के स्टॉक का समुचित रख-रखाव सही तरीके से नहीं था।
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