Breaking

Primary Ka Master Latest Updates | Education News | Employment News latter 👇

शुक्रवार, 4 अगस्त 2023

शिक्षा का अधिकार बना तमाशा, निष्क्रिय अफसरों ने दस हजार बच्चों का भविष्य दांव पर लगाया

 शिक्षा का अधिकार बना तमाशा, निष्क्रिय अफसरों ने दस हजार बच्चों का भविष्य दांव पर लगाया

जयपुर. शहर के करीब 10 हजार बच्चों का भविष्य एक कम्प्यूटर ऑपरेटर के कारण अंधकार में पड़ गया है! यदि जयपुर के जिला शिक्षा अधिकारी की इस बात को सही मानें तो एक ऑपरेटर के अवकाश पर होने के कारण आरटीई प्रवेश को लेकर आ रही शिकायतों की जांच पोर्टल से नहीं हो पा रही है। नतीजा यह हो रहा है कि बच्चे स्कूलों में प्रवेश के लिए दर-दर भटक रहे हैं।


(इसरो का ऑपरेटर अवकाश पर चला जाता तो शायद चंद्रयान का प्रक्षेपण टल जाता।)

दरअसल, हाइकोर्ट ने पिछले दिनों एक आदेश जारी कर निजी स्कूलों में पूर्व प्राथमिक कक्षाओं (जैसे नर्सरी, एलकेजी, यूकेजी) में भी आरटीई (शिक्षा का अधिकार) के तहत प्रवेश देने के निर्देश दिए थे। लेकिन इस आदेश की पालना कराने में सरकार के पसीने छूट रहे हैं।


(क्योंकि कई निजी स्कूल राजनेताओं और प्रभावशाली लोगों से संबंधित हैं।)

अब हाइकोर्ट के आदेश की पालना के लिए सरकार में ऊपर से नीचे तक फुटबॉल खेली जा रही है। शिक्षा निदेशालय ने डीईओ (जिला शिक्षा अधिकारियों) को आदेश जारी कर पल्ला झाड़ लिया है।


(यानी अपनी टोपी, दूसरे के सिर)

शिक्षा अधिकारी ऑपरेटर के छुट्टी पर होने का बहाना बनाकर मुंह पर पट्टी बांध कर बैठ गए। कार्रवाई करने की उनमें हिम्मत नहीं है। बच गए बच्चे। वे अपने माता-पिता के साथ रोज स्कूल का चक्कर लगा रहे हैं। इस उम्मीद में कि शायद हाइकोर्ट के आदेश की पालना हो जाए।


(अफसर भली भांति जानते हैं कि वे अदालत को नाराज कर सकते हैं पर नेताओं को नहीं)

(इस समाचार को प्रभावशाली बनाने के लिए बीच-बीच में स्माइली और टिप्पणियों का उपयोग किया गया है)


शिक्षा निदेशालय से जो आदेश मिले हैं, उनकी पालना कराई जाएगी। आरटीई के तहत जो शिकायतें मिल रही हैं, उनकी पोर्टल से जांच करवानी है, लेकिन ऑपरेटर अवकाश पर होने के कारण मामले अटके पड़े हैं। सोमवार से स्कूलों पर कार्रवाई करेंगे।-राजेन्द्र शर्मा हंस, डीईओ माध्यमिक जयपुर


सोमवार से स्कूलोंपर करेंगे कार्रवाई

मानसरोवर निवासी राकेश मंगल के बेटे का आरटीई के तहत चयन वीटी रोड के पास एक निजी स्कूल में हो गया। पीपी 4 में चयन 20 जुलाई से पहले हो गया। शिक्षा निदेशालय के आदेश के बाद भी स्कूल और डीईओ सुनवाई नहीं कर रहे हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें