शिक्षकों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मिलेगा मौका, स्कूलों में होगा रंगोत्सव
बीकानेर सरकारी स्कूलों में कई ऐसे शिक्षक हैं, जो किसी न किसी क्षेत्र में प्रतिभावान हैं। वे अपनी इस प्रतिभा का परिचय स्कूलों में विद्यार्थियों को सांस्कृतिक कार्यक्रमों में तैयार करने में लगाते हैं। लेकिन अब उन्हें भी मौका मिलेगा। शिक्षकों भी मंच पर आकर अपनी कलात्मक प्रतिभा दिखा सकेंगे। इसके लिए राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के आदेश पर 16 से 18 अगस्त तक जिला स्तरीय रंगोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसे देखते हुए अनेक शिक्षकों ने आवेदन भी कर दिया है। अब फाइनल सूची बनेगी, जिसके बाद उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा। हालांकि, शिक्षकों के सामने यह शर्त रखी गई है कि वे एक ही गतिविधि में हिस्सा ले सकेंगे।
कार्यक्रम में शास्त्रीय व लोक गीत, शास्त्रीय व लोक वादन तथा शिक्षण अधिगम सामग्री निर्माण शिक्षण प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। इसके अलावा एक शिक्षक अथवा शिक्षिका एक ही गतिविधि में भाग ले सकेंगे। रंगोत्सव में प्रतिभागी अपनी कला से संबंधित आवश्यक सामग्री संसाधन तथा वाद्य यंत्र की व्यवस्था स्वयं करेंगे, लेकिन व्यावसायिक संगीत जगत के गीतों का प्रयोग वर्जित रहेगा। साथ ही वादन प्रतियोगिता में इलेक्ट्रॉनिक वाद्य यंत्रों का प्रयोग वर्जित रहेगा। समग्र शिक्षा के अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक गजानंद सेवग ने बताया कि जिला स्तरीय रंगोत्सव में प्रत्येक क्षेत्र में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान हासिल करने वालों को 10 से 20 सितंबर तक प्रस्तावित राज्य स्तरीय रंगोत्सव में मौका दिया जाएगा।
प्रत्येक जिले को राशि आवंटित
रंगोत्सव के आयोजन के लिए राशि भी जारी की गई है। ताकि कार्यक्रम को सफल बनाया जा सके और किसी प्रकार की कमी न रहे। प्रत्येक जिले में दस हजार रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इसके अतिरिक्त राशि की आवश्यकता होने पर भामाशाहों का भी सहयोग लिया जा सकेगा। इसके अलावा जिला स्तर पर प्रत्येक विधा के अनुसार प्रथम तीन प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र तथा ट्रॉफी दी जाएगी।
निर्णायक मंडल का होगा गठन
प्रतियोगिता की पारदर्शिता के लिए निर्णायक मंडल का भी गठन किया जाएगा। इसमें जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) एवं पदेन जिला परियोजना समन्वयक समग्र शिक्षा की अध्यक्षता में निर्णायक मंडल का गठन किया जाएगा। इस मंडल में डाइट के प्रधानाचार्य एवं कला समीक्षकों को शामिल किया जाएगा। किसी भी शिक्षक को अपनी प्रस्तुति 4-5 मिनट की होगी।
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