मां स्कूल जाकर बच्चों को अपने हाथ से पिलाएगी दूध योजना में पारदर्शिता आएगी शिक्षकों के समय पर स्कूल नहीं पहुंचने की शिकायतों पर रोक लगेगी
झुंझुनूं. बाल गोपाल योजना के तहत अब स्कूल में बच्चों को दूध पिलाने से पहले पांच अभिभावकों, एसडीएमसी व एसएमसी सदस्यों को भी बुलाया जाएगा। इसके बाद अभिभावकों के सामने ही बच्चों को दूध पिलाया जाएगा तथा मिड डे मील योजना के तहत बच्चों को खाना खिलाया जाएगा। राजस्थान की मुख्य सचिव उषा शर्मा के निर्देश पर सोमवार से यह योजना शुरू कर दी गई है। इस संबंध में शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। इसमें मिड-डे-मील योजना के तहत भोजन व मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना का दूध बच्चों को मां या किसी अभिभावक की उपस्थिति में ही देने के निर्देश दिए गए हैं।
इसलिए किया ऐसा
-कई जगह स्कूलों में समय पर दूध नहीं पिलाने की शिकायत आ रही थी।
-इसी माह पत्ता गोभी की सब्जी में कीड़े आने की शिकायत भी बीकानेर तक की गई थी।
-दूषित दाल खान से कई जगह बच्चों के बीमार होने की शिकायत भी आ चुकी।
-अभिभावक हर दिन स्कूल में जाएंगे तो शिक्षकों पर भी निगरानी बढ़ेगी।
-रसोई में भी साफ सफाई बढ़ेगी।
-कई जगह शिकायत रहती है शिक्षक खुद स्कूल में देरी से आते हैं, ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई हो सकेगी।
-परिजन के स्कूल जाने से बच्चों की शिक्षा के साथ मानसिक विकास व स्वास्थ्य में फायदा होगा।
- सरकारी योजना के संचालन भी पारदर्शिता से हो सकेगा।
मिड- डे- मील व बाल गोपाल योजना को लेकर नए निर्देश मिले हैं। इसके तहत केवल मां ही जरूरी नहीं है पिता या परिवार का कोई भी सदस्य, एसडीएमसी व एसएमसी के सदस्यों को स्कूल में बुलाया जाएगा। मां या किसी अन्य अभिभावक के हाथों से या निगरानी में दूध पिलाने के निर्देश प्राप्त हुए थे। सभी संस्था प्रधानों को इस संबंध में निर्देशित कर दिया गया है।-मनोज ढाका, डीईओ (प्रा.शि.)
हर दिन पहुंचेगे पांच सदस्य
निदेशालय के निर्देश के अनुसार हर दिन सरकारी स्कूल में कम से कम अभिभावकों को बुलाया जाएगा। ये अभिभावक प्रार्थना सभा या इंटरवेल में मुख्य अतिथि के रूप में आएंगे। बाद में उन्हीं के हाथों से या निगरानी में बच्चों को खाना खिलाया जाएगा। मां व महिला अभिभावकों के स्कूल में आमंत्रण के लिए संस्था प्रधानों को साप्ताहिक कैलेंडर तैयार करने को भी कहा गया है।
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