शहरी व ग्रामीण ओलंपिक: शिक्षकों के लिए परेशानी बने खिलाड़ियों के टी-शर्ट और पौधे,सरकार ने ओलंपिक में रजिस्टर्ड सभी खिलाड़ियों को शपथ दिलाने के साथ टी-शर्ट और पौधे पहुंचाने का दिया फरमान
सीकर. शहरी व ग्रामीण ओलंपिक सरकारी शिक्षकों के लिए गलफांस बनते जा रहे हैं। प्रवेशोत्सव के बीच स्कूलों से दूर करने के बाद अब सरकार ने उन्हें ओलंपिक में पंजीकृत खिलाड़ी को टी-शर्ट व एक-एक पौधा भेंट करने की अनिवार्य जिम्मेदारी भी सौंप दी है। जो उनके लिए भारी परेशानी का सबब बन गया है। क्योंकि बहुत सी जगहों पर पंजीकृत आधे खिलाड़ी भी नहीं पहुंच रहे हैं। ऐसे में शिक्षकों को उनकी खोज कर उन्हें टी-शर्ट व पौधा पहुंचाना होगा। ऐसा नहीं करने पर प्रशासनिक अधिकारी उन्हें कार्रवाई की धमकी भी दे रहे हैं।
50 फीसदी खिलाड़ी हो रहे शामिल
ग्रामीण व शहरी ओलंपिक में खिलाड़ी कम पहुंच रहे हैं। कई जगहों पर तो पंजीकृत खिलाडिय़ों में से 50 फीसदी भी खिलाड़ी भी नहीं पहुंच रहे। ऐसे में आयोजकों को एक तरफ तो उनकी मिलीजुली टीम बनाकर खिलाना पड़ रहा है। दूसरी ओर अब नहीं आने वाले खिलाडिय़ों को टी-शर्ट व पौधा भी पहुंचाना होगा।
काम पंचायत व पालिका का, शिक्षकों को दी जा रही धमकी
शिक्षकों का कहना है कि ग्रामीण व शहरी ओलंपिक पंचायत व पालिका की जिम्मेदारी थे। लेकिन, पंजीकरण कम होने की आशंका पर सरकार ने शिक्षकों को भी इनमें नियुक्त कर दिया गया। जिन्होंने पहले प्रवेशोत्सव के बीच खेलों के लिए पंजीयन करवाकर खेल करवाए और अब टी-शर्ट व पौधे बांटने की जिम्मेदारी देकर उन्हें ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई की धमकी भी दी जा रही है।
इनका कहना है
ओलंपिक में ज्यादातर जगह पंजीकृत आधे खिलाड़ी भी मैदान में नहीं पहुंच रहे। जबकि प्रशासन सभी पंजीकृत खिलाडिय़ों को टी-शर्ट व पौधे बांटने का दबाव बना रहा है। प्रवेशोत्सव के बीच इस तरह के काम नामांकन को प्रभावित करने वाले हैं।-विनोद पूनिया, जिलाध्यक्ष, राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत, सीकर
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