स्कूल खुलने के समय मुख्य दरवाजे पर ताला, बच्चे करते मिले शिक्षकों का इंतजार
ब्यावर. शहर से महज दस किलोमीटर दूर ग्राम सनवा की राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में सोमवार को स्कूल खुलने के समय विद्यार्थी तो पहुंच गए लेकिन शिक्षकों के नहीं पहुंचने से बच्चे दरवाजे पर ही इंतजार करते नजर आए।सुबह करीब सात बजकर चालीस मिनट पर एक शिक्षिका पहुंची एवं विद्यालय का ताला खोला। इसके बाद बच्चे कक्षा कक्षों की ओर पहुंचे। बच्चों ने कतारबद्ध बैठकर प्रार्थना शुरु कर दी। करीब पांच मिनट बाद दूसरी शिक्षिका पहुंची। इसके बाद प्रार्थना के साथ ही अन्य गतिविधियां भी शुरु हुई। राजकीय विद्यालयों का समय साढ़े सात से एक बजे तक का है। विद्यालयों में साढ़े सात बजे स्कूल खुलने के बाद प्रार्थना शुरु होती है। इसके बाद बच्चों को बाल गोपाल योजना के तहत दूध दिया जाता है।
राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय सनवा में सोमवार सुबह साढे सात बजे मुख्यद्वार का ताला लटका हुआ मिला। बच्चे मुख्य दरवाजे के पास खड़े थे। कुछ देर बाद एक शिक्षिका पहुंची एवं ताला खोला। इसके बाद बच्चों ने पहुंचकर कक्षाकक्षों को खोलना शुरु किया। कक्षा कक्ष खोलने के बाद बच्चे ही अपने स्तर पर कतार बद्ध होकर बैठ गए। कुछ बालिकाओं ने प्रार्थना शुरू कर दी। प्रार्थना शुरू होने के दौरान एक शिक्षिका और विद्यालय पहुंची।
प्रार्थना के बाद देना होता है दूध...
विद्यालय में प्रार्थना के बाद विद्यार्थियों को दूध दिया जाता है। प्रार्थना शुरू होने के बाद तक न तो विद्यालय में कोई दूध लेकर पहुंचा एवं न ही दूध गर्म करने की तैयारी ही शुरू हो सकी थी।
विद्यालय में कार्यरत एक शिक्षिका की मोपेड पंचर हो गई। जबकि दूसरी शिक्षिका को मिड डे मिल की सब्जी लेकर आना था। मेरे पास बीएलओ का कार्य भी है। ऐसे में सोमवार को बीएलओ की बैठक में शामिल होने गया हुआ था।-गणपतसिंह, प्रधानाध्यापक, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय सनवा
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