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सोमवार, 7 अगस्त 2023

छात्राओं की पीड़ा : दो सौ किमी से पहले नहीं कोई बालिका विद्यालय, कैसे हो पढ़ाई बिना गुरु कैसे प्राप्त करें ज्ञान!



छात्राओं की पीड़ा : दो सौ किमी से पहले नहीं कोई बालिका विद्यालय, कैसे हो पढ़ाई बिना गुरु कैसे प्राप्त करें ज्ञान!

गडरारोड़. स्थानीय राबाउमावि में अधिकांश शिक्षकों के रिक्त पद होने से शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। छात्राओं ने अपनी पीड़ा बताई कि जिला मुख्यालय बाड़मेर से पहले कोई दूसरा बालिका विद्यालय उपलब्ध नहीं हैं। आसपास उच्च शिक्षा के लिए कोई व्यवस्था नहीं होने से छात्राएं बीच में ही पढ़ाई छोड़ने को मजबूर हैं। सुंदरा, रोहिड़ी, बिजावल, खबड़ाला, द्राभा, रोहिड़ाला सहित कई ग्राम पंचायतों से जिला मुख्यालय दो सौ किमी दूर हैं। वहीं उपखण्ड मुख्यालय गडरारोड़ 85 किमी दूर हैं।


उच्च शिक्षा के लिए कई बालिकाएं प्रतिदिन बस, टैक्सी से प्रतिदिन गडरारोड़ पंहुचती है तो कुछ रिश्तेदारों के घर रहकर अध्ययन कर रही हैं। ग्रामीण क्षेत्र में आज भी उच्च शिक्षा के लिए बालिकाओं को कम ही भेजा जाता हैं। ऐसे में जब उपखण्ड के एकमात्र बालिका माध्यमिक विद्यालय में पढ़ाने को शिक्षक ही नहीं मिलते तो निराशा होती हैं।


प्रधानाचार्य सहित शिक्षकों के 15 पर रिक्त

उपखण्ड क्षेत्र के एकमात्र बालिका विद्यालय में कक्षा 1 से 12 तक की कक्षाएं संचालित हो रही है । उन्हें पढ़ाने के लिए छह शिक्षक ही मौजूद हैं। अंग्रेजी, हिंदी, गणित, विज्ञान, संस्कृत के वरिष्ठ अध्यापकों के अलावा अंग्रेजी, हिंदी, इतिहास, विशेष हिंदी के व्याख्याताओं के पद रिक्त है। साथ ही प्रधानाचार्य सहित विद्यालय में कुल 15 शिक्षकों के रिक्त पद होने से विद्यालय का शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। क्षेत्र का एकमात्र बालिका विद्यालय होने से यहां बड़ी कक्षाओं में 70-80 बालिकाएं अध्ययनरत है।


हम प्रतिदिन तैयार होकर टैक्सी से स्कूल पंहुचते है लेकिन यहां दिनभर खाली बैठकर समय गुजारना पड़ता हैं। बिना शिक्षक बोर हो जाते हैं। - भागी कुमारी, छात्रा कक्षा नवमीं, गांव ओनाडा


बड़ी मुश्किल से घर वाले पढ़ाने को राजी हुए। मैं उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहती हूं। इसलिए प्रतिदिन स्कूल आते हैं लेकिन यहां पढ़ाने वाले ही नहीं हैं। - रवीना कुमारी, छात्रा कक्षा 10, गांव ओनाडा


पिछले साल से एक-एक करके सभी अध्यापिकाओं का तबादला हो गया। उनकी जगह कोई दूसरी नियुक्ति नहीं हुई। ऐसे में पढ़ाई प्रभावित हो रही है। - मीरां कुमारी, कक्षा 12, गांव त्रिमोही


मैं अपने गांव से दूर पढ़ने के लिए प्रतिदिन टैक्सी से आती हूं। सरकारी स्कूल होने से गरीब छात्राएं भी उच्च शिक्षा का सपना पूरा करने प्रतिदिन आती हैं। प्रशासन को 600 से अधिक छात्राओं की शिक्षा को ध्यान में रखते हुए रिक्त पदों को भरना चाहिए। - सुशीला कुमारी, कक्षा 11, गांव त्रिमोही

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