शिक्षकों की कमी को लेकर स्कूल पर जड़ा ताला
सादडी . प्रतापगढ़ बावरियों का झूपा बस्ती स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक स्कूल में शिक्षक नियुक्त करने की मांग को लेकर ग्रामीण व बच्चों ने स्कूल पर ताला जड़ दिया। दोपहर बाद देसूरी एसीबीईईओ मंगलाराम नायक, शहरी संकुल प्रभारी विजयसिंह माली ने ग्रामीणों से समझाइश की। एक शिक्षक को प्रतिनियुक्ति पर स्कूल में लगाकर ग्रामीणों को मनाया व ताला खुलवाया।
प्रतापगढ़ बावरियों का झूपा बस्ती विद्यालय में पिछले 5-7 साल से शिक्षकों की कमी है। वर्तमान में कक्षा 1 से 8 तक कुल 70-80 बच्चे हैं। यह दो शिक्षक तैनात हैं। जिसमें 1 शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर है। जिनमें से एक तो बीएलओ का कार्य करता जो ज्यादा बाहर ही रहता है। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। इसे देख वार्ड पार्षद विमला बावरी, शंकरलाल बावरी, एसडीएमसी अध्यक्ष धनपत बावरी, कपूराराम, शंकरलाल, पोनी बंशीलाल, गोविंद आईदानराम, कविता छोगालाल, कालूराम, मोतीजी सहित अभिभावक व बच्चों ने सोमवार सुबह ताला जड़ दिया। स्कूल प्रवेश द्वार पर ताला लगाकर बाहर धरना देकर प्रदर्शन किया।
सुबह 11 बजे करीब देसूरी अतिरिक्त ब्लॉक अधिकारी मंगलाराम नायक, प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी विजयसिंह माली ने ग्रामीणों से समझाइश की। ग्रामीणों ने कहा 3 अगस्त को सीबीईईओ देसूरी को पत्र देकर आए 15 दिन में शिक्षक लगाने की कोई व्यवस्था नहीं हुई। एसीबीईईओ ने राजपुरा स्कूल से एक शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर लगाने पर ग्रामीण शांत हुए। तब जाकर स्कूल का ताला खुला।
पाली . सोजत रोड कस्बे के निकटवर्ती रायराकलां सीनियर सैकण्डरी स्कूल में तालाबंदी सोमवार को भी जारी रही। विद्यार्थियों के साथ ग्रामीण भी प्रधानाचार्य के एपीओ के आदेश निरस्त करने की मांग कर रहे हैं। पिछले काफी समय से विद्यार्थियों व ग्रामीणों द्वारा प्रधानाचार्य ताराचंद मेवाड़ा के एपीओ आदेश निरस्त करने की मांग को लेकर स्कूल गेट पर तालाबंदी की जा रही है। इतने समय तक स्कूल में तालाबंदी होने से विद्यार्थियों का भविष्य खराब होता नजर आ रहा है, लेकिन इन गंभीर हालातों पर राजस्थान सरकार व किसी जनप्रतिनिधि का ध्यान नहीं देने से ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
ग्रामीण विद्यार्थियों के साथ मिलकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा स्कूली बालिकाओं के साथ समझाइश के प्रयास किए गए परन्तु अबतक किसी तरह का समाधान नहीं निकला है। आक्रोशित बालिकाएं अब सामूहिक टीसी की मांग कर रही हैं। रविवार को भी स्कूल बंद होने के बावजूद ग्रामीण स्कूल गेट के बाहर धरने पर बैठे रहे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें