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रविवार, 20 अगस्त 2023

RTE कैंप में भी मुफ्त दाखिला नहीं दिला सके अफसर, कई स्कूलों ने दिया दो टूक जवाब, सीट फुल-नो ऐडमिशन


 RTE  कैंप में भी मुफ्त दाखिला नहीं दिला सके अफसर, कई स्कूलों ने दिया दो टूक जवाब, सीट फुल-नो ऐडमिशन

लखनऊ : शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में मुफ्त दाखिला दिलाने के लिए शनिवार को छोटी जुबिली में कैंप लगाया गया। इसमें 36 स्कूलों के प्रतिनिधियों और 488 बच्चों के अभिभावकों को अलॉटमेंट लेटर के साथ बुलाया गया था। कैंप में कुल 156 अभिभावक आए। वहीं, छह स्कूलों का कोई प्रतिनिधि नहीं आया। इस दौरान अफसर सिर्फ 38 बच्चों को उन्हें अलॉट स्कूल में दाखिला दिला सके। बाकी कई मामलों में स्कूलों ने अभिभावकों को दो टूक जवाब दे दिया।


ट्यूशन पढ़ाकर अपने बच्चों का पालन पोषण कर रही विधवा विनी सिंह के बेटे अद्वेय सिंह को कक्षा 1 में दाखिले के लिए एलपीएस आवंटित है। लेकिन कैंप में आए स्कूल प्रतिनिधि ने कहा कि पहले वह अपनी ससुराल से यह बात लिखवाकर लाएं कि वह वहां नहीं रहतीं। इसी तरह निखिल जायसवाल के तहत बेटे को बंगला बाजार स्थित ट्रिनिटी स्कूल का आवंटन पत्र मिला था, लेकिन स्कूल ने दाखिला नहीं दिया। कैंप में स्कूल ने दो टूक कह दिया कि 'सीट फुल नो ऐडमिशन निखिल ने पूछा कि आवंटित सीट पर दाखिला नहीं हुआ तो सीटें कैसे फुल हो गईं? इस सवाल का जवाब न स्कूल ने दिया, न ही शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने निखिल की तरह कई अभिभावकों को स्कूलों ने सीट फुल होन का तर्क देकर दाखिला देने से इनकार कर दिया, लेकिन अफसर मूकदर्शक बने रहे।


निराश लौटे अभिभावक


राजेंद्र नगर निवासी यासमीन के बेटे रूमान अहमद, हिंद नगर निवासी संतोष कुमार के बेटी | अंशिता त्रिपाठी, राजेंद्र नगर निवासी नीतू मिश्रा की बेटी अग्रिमा मिश्रा, आशियाना स्थित सेक्टर आई निवासी मीना कनौजिया, प्रियदर्शनी निवासी राम गोपाल की बेटी अनाया गौतम, राजीव गांधी प्रथम निवासी भीम सेन के बेटे वीर सेन और शारदा नगर द्वितीय वॉर्ड निवासी नीरज की बेटी रौशनी समेत 100 से ज्यादा अभिभावकों को कैंप से निराश लौटना पड़ा।



डीएम, कमिश्नर और सांसद के निर्देश का भी कोई असर नहीं


■ बीएसए ने फरवरी से लेकर मई तक लॉटरी करवाकर गरीब परिवार के बच्चों को आरटीई के तहत दाखिले के लिए स्कूल आवंटित किए। अभिभावकों को आवंटन पत्र भेजा गया लेकिन स्कूलों ने दाखिला नहीं दिया।


■ जून और जुलाई में डीएम से लेकर कमिश्नर तक ने दाखिला न देने वाले स्कूलों को चेतावनी दी। डीएम सूयपाल गंगवार ने स्कूलों की मान्यता निरस्त करने चेतावनी दी, लेकिन कोई असर नहीं हुआ।


# 22 जुलाई को जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में सांसद कौशल किशोर ने आरटीई के तहत मुफ्त दाखिला दिलवाने का निर्देश दिया, लेकिन इसका भी असर नहीं हुआ।


कैंप में 6 स्कूलों की तरफ से कोई नहीं आया, जिन्हें नोटिस जारी किया गया है। अब भी जिन बच्चों का दाखिला नहीं हुआ है, उनका जल्द समाधान करवाया जाएगा। इसके लिए जल्द ही नई तारीख तय होगी। - अरुण कुमार, बीएसए

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