राजस्थान मिशन-2030 के संबंध में संभागीय आयुक्त ने ली बैठक कार्मिकों के लिए बने ट्रांसफर पॉलिसी तो समयबद्ध हो भर्ती प्रक्रिया
सवाईमाधोपुर. राजस्थान को देश में अव्वल प्रदेश बनाने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से शुरू किए गए राजस्थान मिशन-2030 को लेकर गुरुवार को भरतपुर संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा की अध्यक्षता एवं जिला कलक्टर सुरेश कुमार ओला की उपस्थिति में जिला परिषद् सभागार में राजस्वकार्मिकों, विद्यार्थियों एवं युवाओं की बैठक हुई। संभागीय आयुक्त ने कहा कि सभी जिला स्तरीय अधिकारी अपने विभागीय कार्मिकों एवं हितधारकों से किए गए गहन परामर्श के बाद प्राप्त सुझावों को 15 सितम्बर तक राज्य सरकार को भेजें, ताकि उसका 30 सितंबर तक डॉक्यूमेंटेशन तैयार हो सकें। संभागीय आयुक्त ने विजन दस्तावेज-2030 के संबंध में राजस्व कार्मिकों, विद्यार्थियों एवं युवाओं से सुझाव लिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार राज्य सरकार प्रदेश के चहुंमुखी विकास, प्रदेशवासियों की खुशहाली, सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने एवं राजस्थान को वर्ष 2030 तक देश का अग्रणी राज्य बनाने के उद्देश्य से विकसित राजस्थान के लिए विजन दस्तावेज 2030 तैयार किया जा रहा है। राजस्थान मिशन 2030 अभियान में सुझाव के लिए राज्य सरकार से संचालित वेबसाइट पर भी ऑनलाइन 15 सितम्बर तक अपने सुझाव दर्ज करवा सकते हैं।
बैठक में यह आए सुझाव
बैठक में राजस्व विभाग के कार्मिकों ने जॉब स्थायीकरण, ट्रांसफर पॉलिसी, क्रीच पेमेंट व्यवस्था, त्वरित जनसुनवाई आदि के सम्बंध में अपने सुझाव दर्ज कराए। बैठक के दौरान युवा वर्ग एवं व़िद्यार्थियों से भर्ती प्रक्रिया में सुधार, भर्तियों में आईटी सम्बंधी प्रयोगों में सुधार, भर्तियों को समयबद्ध तरीके से आयोजित करने एवं भर्तियों में लगने वाले समय को कम से कम करने के विषय पर सुझाव लिए। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य भर्ती प्रक्रिया में सुधार, भर्तियों में आईटी संबंधी प्रयोगों में सुधारए भर्तियों को समयबद्ध तरीके से आयोजित करना एवं भर्तियों में लगने वाले समय को कम से कम करना है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से अपने विभागों के विजन 2030 डॉक्यूमेंट को 30 सितंबर तक तैयार करवाने के निर्देश दिए। बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर जितेन्द्र सिंह नरूका, मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुरलीधर प्रतिहार, एसडीएम सवाई माधोपुर अनिल चौधरी, तहसीलदार मुकेश अग्रवाल, सहायक निदेशक राजकुमार मीना, सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियन्ता रूपनारायण बैरवा, मुख्य आयोजना अधिकारी बाबूलाल बैरवा आदि मौजूद थे।
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